गाजियाबाद। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाले ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। यह कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा होगा और 2025 तक तैयार हो जाएगा। इसके बनने के बाद गाजियाबाद, हापुड़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से से जुड़े लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने की जरूरत नहीं होगी। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे बनने के बाद दिल्ली से लखनऊ जाने के लिए लोगों को एक नया रास्ता मिलेगा।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। 380 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट को गाजियाबाद/ हापुड़-कानपुर/ उन्नाव ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर नाम दिया गया है। इस कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेसवे की तर्ज पर किया जाएगा। लेकिन शुरुआत में सिर्फ चार लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा।
हालांकि अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण छह लेन के ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की तर्ज पर किया जाएगा। यह कॉरिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे को उन्नाव और कानपुर के बीच में कनेक्ट करेगा, जबकि गाजियाबाद और हापुड़ में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेस वे को कनेक्ट करेगा।
2019 में की गई थी घोषणा
हापुड़ से कानपुर तक नया इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सितंबर 2019 में की थी। उन्होंने पिलखुवा (हापुड़) में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के तीसरे चरण के उद्घाटन समारोह में इसका ऐलान किया था। इसके बाद बीते वर्ष दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे चरण के उद्घाटन समारोह में हापुड़-कानपुर कॉरिडोर का काम जल्द शुरू करने की बात कही थी।
दो स्थानों पर मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा
एनएचएआई अधिकारी चाहते हैं कि यह कॉरिडोर मेरठ एक्सप्रेसवे को दो जगह से कनेक्ट करते हुए बनाया जाए। पहले डासना मसूरी के आगे गाजियाबाद की सीमा से एनएच-9 से जोड़ते हुए निर्माण शुरू हो। इसके बाद हापुड़ में बाईपास (पुराने एनएच-24 बाइपास) को कनेक्ट करते हुए बनाया जाए। आगे जाकर ये दोनों कनेक्टर एक जगह मिल जाए। इससे फायदा यह होगा कि गाजियाबाद की ओर से आने वाले ट्रैफिक को कॉरिडोर पर चढ़ने के लिए हापुड़ तक नहीं आना पड़ेगा। वह मसूरी के पास से सीधे कानपुर के लिए जा सकेंगे। मेरठ, हापुड़ अमरोहा की तरफ से आने वाले वाहन सीधे हापुड़ बाइपास से कॉरिडोर को पकड़कर कानपुर जा सकेंगे।
यातायात बढ़ने पर सड़क को आठ लेन किया जाएगा
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी यूपी से गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी शुरू होने जा रहा है, जो बीच में लखनऊ जाने वाले एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करेगा। इससे काफी ट्रैफिक गंगा एक्सप्रेसवे पर जाएगा, इसलिए शुरुआत में गाजियाबाद-कानपुर के बीच चार लेन का ही कॉरिडोर बनाया जा रहा है। बाद में ट्रैफिक बढ़ने पर इसे आठ लेन तक बढ़ाया जाएगा, इसलिए कॉरिडोर के बीच में बनने वाले अंडरपास, रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और अन्य पुलों का निर्माण छह लेन के एक्सप्रेसवे की तर्ज पर किया जाएगा। गाजियाबाद में इसे मसूरी गंगनहर के बाद से शुरू करने का प्रस्ताव है। हापुड़ से भी एक कनेक्टर के जरिए इसे जोड़ने की सिफारिश की गई है। इससे गाजियाबाद और हापुड़ दोनों जनपद इससे जुड़ जाएंगे।
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