आईपीएल चल रहा हो और कोई विवाद ना हो, भला ये कैसे हो सकता है। शुक्रवार को राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल 2022 के 34वें मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स को 15 रनों से धुल चटाई लेकिन इस हाई-स्कोरिंग मैच के अंतिम क्षणों में एक नो-बॉल को लेकर ऐसा हंगामा खड़ा हुआ कि दिल्ली के कप्तान रिषभ पंत अपने बल्लेबाजों को मैदान से बाहर बुलाने लगे। मैच खत्म होने के बाद रिषभ ने अपनी गलती भी मानी। माना जा रहा है कि पंत की हरकत के लिए बोर्ड अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।
राजस्थान रॉयल्स ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए जॉस बटलर की 116 रनों की शतकीय पारी के दम पर दिल्ली के सामने 223 रनों का लक्ष्य रखा था। इस स्कोर का पीछा करते हुए दिल्ली ने अच्छी शुरुआत तो की, मगर बटलर की तरह कोई बल्लेबाज उनके लिए बड़ी पारी नहीं खेल पाया। अंत में दिल्ली को आखिरी ओवर में 36 रनों की दरकार थी। रोवमैन पॉवेल ने मेकॉय की पहली दो गेंदों पर छक्के जड़ मैच में रोमांच भर दिया। तीसरी गेंद मेकॉय यॉर्कर डालना चाहते थे, मगर वह फुलटॉस पड़ गई और पॉवेल ने इस पर भी लंबा छक्का जड़ दिया।
जिस तीसरी गेंद पर पॉवेल ने छक्का जड़ा वो कमर के ऊपर नो-बॉल थी। बाहर बैठे दिल्ली कैपिटल्स के सदस्यों ने इसको लेकर विरोध किया लेकिन अंपायरों ने थर्ड अंपायर से दखल भी नहीं मांगा। इससे पंत इतना नाराज हुए कि उन्होंने अपने बल्लेबाजों को मैदान से बाहर आ जाने तक के लिए कह दिया। हालांकि कोई बल्लेबाज मैदान छोड़कर नहीं गया मगर पंत के इस रवैये की हर कोई आलोचना कर रहा है और इसे खेल भावना के विपरीत बता रहा है।
इस विवाद के बाद पॉवेल चौथी गेंद मिस कर बैठे और पांचवी गेंद पर उन्होंने दो रन लिए। अंतिम गेंद पर वह बड़ा शॉट लगाना चाहते थे मगर वह गेंद को हवा में मार बैठे और संजू सैमसन ने शानदार कैच पकड़ लिया, इसके साथ ही दिल्ली को हार का सामना करना पड़ा।
मैच के बाद जब रिषभ पंत से इस बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि वे पूरे खेल में अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन अंत में पॉवेल ने हमें मौका दिया। मुझे लगा कि नो बॉल हमारे लिए कीमती हो सकती है, लेकिन यह मेरे नियंत्रण में नहीं है। हां, निराश हूं लेकिन इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता।
पंत ने आगे कहा, “सभी नाराज थे इसलिए मेरा मानना यही था कि ये नो-बॉल है। मैदान पर सबने उसको देखा था। मुझे लगता है कि थर्ड अंपायर को दखल देकर उसे नो-बॉल देना चाहिए था। लेकिन शायद मैं नियम को नहीं बदल सकता।” जब पंत से ये पूछा गया कि क्या टीम प्रबंधन के सदस्य को बहस करने के लिए मैदान के अंदर भेजना सही फैसला था? इस पर पंत बोले, “हां वो सही नहीं था, लेकिन जो हमारे साथ हुआ वो भी सही नहीं था। उस समय गुस्से के पल में ऐसा हो गया (खिलाड़ियों को बाहर बुलाने की हरकत)।
रिषभ ने अंत में कहा, “इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि इसमें दोनों टीमों की गलती थी, सिर्फ हमारी नहीं, क्योंकि अब तक पूरे टूर्नामेंट में हमने अच्छी अंपायरिंग देखी है। मेरे हिसाब से वहां से चीजों को ठीक किया जा सकता था। जब आप इतने करीब आकर हारते हो तो ज्यादा दुख होता है। खासतौर पर उस मैच में जब विरोधी टीम ने 220 रन से ऊपर का लक्ष्य दिया हो। लेकिन शायद हमको भी अच्छी गेंदबाजी करनी चाहिए थी। मैं अपने साथियों को यही कह सकता हूं कि सिर ऊंचा रखो और अगले मैच की तैयारी करो।”