मयूरभंज। ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक झोला छाप डॉक्टर को थाने से छोड़ने के चक्कर में एक एएसआई की नौकरी पर बन आई। इस झोला छाप चिकित्सक ने एक व्यक्ति को पशुओं को लगाए जाने वाले इंजेक्शन लगा दिए थे। लोग उसे पकड़कर थाने लाए थे।
मयूरभंज के एसपी खिलारी ऋषिकेश दंयंदेओ ने मामले में लापरवाही बरतने पर एएसआई पबित्र मोहन राउत को निलंबित कर दिया। वह महुलदिहा पुलिस थाने में पदस्थ था। जिस झोला छाप के चक्कर में एएसआई सस्पेंड को सस्पेंड किया गया उसका नाम है 62 वर्षीय बिश्वनाथ बहेरा। वह ओडिशा के क्योंझर जिले के कांतिपाल का रहने वाला है। उसने 55 साल के श्रीकांत मोहंता को 16 अप्रैल को ये इंजेक्शन लगाए थे। मोहंता को पीठ दर्द की शिकायत थी।
फर्जी डॉक्टर ने बीमार मोहंता को कुछ गोलियां भी दी थीं और उन्हें दिन में दो बार खाने को कहा था। इस नकली डॉक्टर ने मोहंता से 470 रुपये लिए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि जानवरों के इंजेक्शन लगाने व दवाएं खाने के बाद भी मोहंता पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ा।
इससे यह भी आशंका हो रही है कि कहीं डॉक्टर की तरह दवा व इंजेक्शन भी तो फर्जी नहीं थे। मामले में फर्जी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, लेकिन थाने से उसे छोड़ देने के कारण वह फरार हो गया। फरार झोला छाप को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान छेड़ दिया है।