मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने राकांपा नेता नवाब मलिक पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मलिक की आठ संपत्तियों को जब्त किया है। ईडी का आरोप है कि मलिक का दाऊद गैंग के साथ कनेक्शन है। जांच एजेंसी ने पीएमएलए के तहत राकांपा नेता पर कार्रवाई की है। मलिक अभी हिरासत में जेल में हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई और उस्मानाबाद की 8 प्रॉपर्टीज को जब्त किया है। इनमें कुर्ला के गोवा कंपाउंड में बना घर, कुर्ला पश्चिम में कमर्शियल बिल्डिंग, उस्मानाबाद में 148 एकड़ जमीन, कुर्ला वेस्ट में 3 फ्लैट और बांद्रा पश्चिम में 2 घर शामिल हैं।
नवाब मलिक को गोवावाला कंपाउंड के ही एक संदिग्ध सौदे के सिलसिले में इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। वह तभी से जेल में हैं। ईडी का आरोप है कि नवाब मलिक की पारिवारिक कंपनी सालिडस इन्वेस्टमेंट्स प्रा.लि. के जरिए मुनीरा प्लंबर एवं उसकी मां मरियम बाई की कुर्ला स्थित संपत्ति गोवावाला कंपाउंड माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ मिलकर कौड़ियों के मोल हड़प लिया था। इस संपत्ति को हड़पने के लिए नवाब मलिक ने हसीना पारकर के साथ मिलकर कई दस्तावेजों में हेरफेर किया।
ईडी द्वारा दर्ज किया गया मनी लांड्रिंग का यह मामला फरवरी में ही केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए द्वारा डी कंपनी (दाऊद गैंग) के विरुद्ध दर्ज किए गए एक नए मामले का परिणाम था। एनआइए ने इस मामले में दाऊद इब्राहिम व उसके कई साथियों पर गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था।
ईडी ने आईपीसी की धारा 120 बी और यूएपीए की धारा 17, 18, 20, 21, 38 और 40 के तहत दर्ज FIR के आधार पर दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। FIR में दाऊद इब्राहिम कासकर, दाऊद भाई, हाजी अनीस, अनीस इब्राहिम शेख, शकील शेख, छोटा शकील, जावेद पटेल, जावेद चिकना, इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन और टाइगर मेमन के नाम थे।