श्रीनगर। जम्मू कश्मीर माहौल को बिगाड़ने की कोशिशें एक बार फिर शुरू हो गई हैं। जामिया मस्जिद में आजादी के नारे लगाए गए। यहां पर जुमे की नमाज के बाद जमा भीड़ को कथित तौर आजादी के नारे लगाते सुना गया। इस तरह के नारे 1990 के दशक में सुने गए थे, जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की शुरुआत हुई थी।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में शुक्रवार को रमजान के महीने की पहली जुमे की नमाज पढ़ी गई। इस दौरान भारी संख्या में बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं इस नमाज में शामिल हुए। मस्जिद में जमा हुई भीड़ को आजादी के नारे लगाते और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी जाकिर मूसा की जय-जयकार करते हुए सुना गया। आतंकी मूसा को 24 मई 2019 को कश्मीर में भारतीय सेना ने मार गिराया था। मूसा कश्मीर में आतंक का बड़ा चेहरा था।
जामिया मस्जिद में लगे स्लोगन के 27 सेकेंड का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में जामिया मस्जिद में कुछ युवा ‘हमको चाहिए… आजादी’ और नारा-ए-तकबीर… अल्लाह-हू-अकबर, मूसा मूसा मूसा के नारे लगा रहे हैं।
2 साल बाद आम लोगों के लिए खुली मस्जिदें
जम्मू-कश्मीर के सबसे मशहूर मस्जिदों में से एक जामिया मस्जिद को पिछले दिनों आम लोगों के लिए खोला गया था। कोरोना की वजह से मस्जिद करीब 2 साल से ज्यादा समय के लिए बंद थी, लेकिन रमजान को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया था।
इस मामले में एक्शन लेते हुए एसएसपी श्रीनगर ने कहा कि वीडियो आने के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। नारेबाजी के मुख्य आरोपी हवाल, नौहट्टा निवासी नबी भट्ट के बेटे बशारत नबी भट्ट को गिरफ्तार किया गया है।