ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर AAP नेता का हमला, कॉन्स्टेबल को कार की बोनट पर घसीटा

गांधीनगर। गुजरात आम आदमी पार्टी के युवा विंग के नेता युवराज सिंह जडेजा को पुलिस कर्मियों पर हमला करने और उनकी कार के बोनट पर एक कांस्टेबल को घसीटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि जडेजा और उसके साथी के खिलाफ एक पुलिस वाले पर हमला करने और उसे मारने की कोशिश करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 332 और 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आप नेता को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने पुलिस द्वारा उसकी रिमांड नहीं मांगे जाने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। 5 अप्रैल को, नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों (सहायक प्रोफेसर या विद्यासहायक के पद के लिए उम्मीदवारों) ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और जडेजा उनका समर्थन करने के लिए गांधीनगर पुलिस मुख्यालय पहुंचे।

बहस के बाद किया पुलिसकर्मियों पर हमला
कुछ देर गरमागरम बहस के बाद, जडेजा ने कुछ ऑन-ड्यूटी पुलिसकर्मियों पर हमला किया और फिर कार में बैठकर मौके से भागने की कोशिश की। हालांकि, एक कांस्टेबल ने उसे रोकने के लिए कार के बोनट पर छलांग लगा दी लेकिन तब भी जडेजा ने अपनी कार नहीं रोकी। पुलिस ने बताया कि तेज रफ्तार कार से खुद को बचाने के लिए कांस्टेबल लक्ष्मण वसावा बोनट पर कूद गए। उन्होंने कहा कि जडेजा ने कुछ दूरी तय करने के बाद अपनी कार रोकी।

इसके अलावा, पुलिस ने बताया कि पुलिस द्वारा एकत्र किए गए सबूतों को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है। जडेजा और उनके एक साथी को साबरमती सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। जडेजा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 के तहत ‘‘हत्या के प्रयास’’ के लिए मामला दर्ज किया गया, क्योंकि उनके कृत्य से कांस्टेबल की मौत हो सकती थी।

कौन हैं युवराज सिंह जडेजा?
युवराज सिंह जडेजा गुजरात के सौराष्ट्र के रहने वाले हैं। कुछ साल पहले वे गांधीनगर आए थे और सरकारी भर्ती परीक्षाओं के छात्रों को कोचिंग देने लगे। इसके जरिये जडेजा ने सरकारी भर्ती परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के बीच अपनी एक खास जगह बना ली। 2019 में गुजरात में BIN सचिवालय क्लर्क की भर्ती परीक्षा हुई। भर्ती परीक्षा में लाखों लोगों ने आवेदन दिया, लेकिन पेपर लीक हो गया। इन युवाओं की ओर से लड़ने के लिए युवराज सिंह जडेजा सामने आए. उन्होंने छात्रों से गांधीनगर में इकट्ठा होने की अपील की।

उनकी एक आवाज पर छात्रों ने गांधीनगर की ओर कूच कर दिया। छात्र सड़कों पर उतर आए। उनकी मांग थी कि बिन सचिवालय क्लर्क की भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाए लेकिन गुजरात की भाजपा सरकार ने इस आंदोलन को इतनी गंभीरता से नहीं लिया। कुछ दिन बाद ही आंदोलन बड़ा हो गया। ऐसे में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की सरकार को झुकना पड़ा। बिन सचिवालय क्लर्क की भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया। आंदोलनकारी युवराज सिंह की ये पहली जीत थी। खास बात ये रही कि युवराज सिंह ने इस आंदोलन को राजनीति से दूर रखा।

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