मुंबई। कोरोना ने फिर से टेंशन बढ़ा दी है। कोरोना के नए वैरिएंट XE और कप्पा के एक-एक केस मुंबई में मिले हैं। देश में नए वैरिएंट का ये पहला मामला है। हालांकि, नए वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में कोई गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे।
जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान कुल 376 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 230 मुंबई के ही थे। जीनोम सीक्वेंसिंग परीक्षण का यह 11वां बैच था। 230 में से 228 सैंपल ओमीक्रॉन के हैं, शेष- 1 कप्पा वैरिएंट का है और 1 XE वैरिएंट का है। XE वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो स्ट्रेन्स BA.1 और BA.2 को मिलाकर बना है। इसका पहला केस ब्रिटेन में पाया गया था और इसे XE वैरिएंट नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि यह वैरिएंट सबसे तेजी से फैलने वाला साबित हो सकता है।
WHO कह चुका है कि जब तक इसके ट्रांसमिशन रेट और बीमारी के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा जाता तब तक इसे ओमिक्रॉन वैरिएंट से ही जोड़कर देखा जाएगा। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (HSA) की मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुजैन हॉपकिंस का कहना है कि अभी तक इसकी संक्रामकता, गंभीरता या उनके खिलाफ कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
भारत में कोरोना केसों में लगातार कमी देखी जा रही है और एक्टिव मामलों की संख्या तेजी से कम होते हुए 15 हजार से कम रह गई है। ऐसे में अब XE वैरिएंट का पाया जाना चिंताएं बढ़ाने वाला है। इससे अब तक मिली सफलता पर पानी फिरने का भी खतरा पैदा हो गया है।
गौरतलब है कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में एक बार फिर से कोरोना सिर उठा रहा है। चीन की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शंघाई में लॉकडाउन की स्थिति है और एक दिन में लाखों टेस्ट किए जा रहे हैं। आईआईटी कानपुर के अनुमान के मुताबिक भारत में भी जून, 2022 तक कोरोना संक्रमण की चौथी लहर दस्तक दे सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो चुका है। ऐसे में कोरोना की नई लहर के पहले की तरह घातक होने की आशंका नहीं है।