अखिलेश यादव ने लोकसभा सदस्‍यता से दिया इस्‍तीफा

करहल। अखिलेश यादव ने लोकसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं से विचार-विमर्श के बाद मंगलवार को सपा मुखिया ने लोकसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देने का फैसला ले लिया। लोकसभा सीट आजमगढ़ से इस्तीफा देकर अखिलेश ने साफ कर दिया कि पिता मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि से ही आने वाले पांच साल तक वह सियासी दांव चलेंगे।

मंगलवार की दोपहर अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला से मिलकर उन्‍हें अपना इस्‍तीफा सौंपा। उनके साथ पार्टी नेता रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से सांसद चुने गए थे। कल अखिलेश ने आजमगढ़ के विधायकों और पार्टी नेताओं से बातचीत की थी। इसके पहले वह करहल विधानसभा क्षेत्र में भी गए थे। वहां के नेताओं ने अखिलेश से विधायकी न छोड़ने का अनुरोध किया था। तब अखिलेश ने कहा था कि इस बारे में पार्टी फैसला लेगी। ये वही करहल है जिसे मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि कहा जाता है। पिता की कर्मभूमि अब विरासत के रूप में बेटे अखिलेश के हाथों में पहुंच गई है।

सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट और मैनपुरी जिले की जनता का सम्मान रखा है। कार्यकर्ताओं की अपील को स्वीकार करते हुए अध्यक्ष ने करहल से विधायक बने रहने का निर्णय लिया है। इसके लिए कार्यकर्ता और पूरी पार्टी उनकी आभारी है।

पहले भी दिया था आजमगढ़ के कार्यकर्ताओं को संदेश
करहल से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से अखिलेश यादव के मन में आजमगढ़ को लेकर दुविधा की स्थिति थी। पहली बार करहल में छह मार्च को जनसभा करने आए अखिलेश ने मंच से यह संदेश भी दिया था। उन्होंने कहा था कि आजमगढ़ के कार्यकर्ता मायूस न हों, करहल और सैफई मेरा घर है, आजमगढ़ भी दूर नहीं है। आजमगढ़ भी मेरा घर ही है।

होली पर कार्यकर्ताओं ने की थी अपील
करहल विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर और बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ अखिलेश यादव ने 19 मार्च को सैफई में बैठक की थी। इसमें होली की शुभकामनाओं के साथ ही आगे की रणनीति पर भी मंथन हुआ था। इसमें कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव से अपील की थी कि वे करहल की सीट न छोड़ें।

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