दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर खालिद मोईन को एक लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। मोईन को दिल्ली स्थित एक कंपनी से रिश्वत की लेने के दौरान गिरफ्तार किया गया।
मोईन ने गुरुग्राम में चिन्टेल्स पैराडाइसो अपार्टमेंट को कथित तौर पर संरचनात्मक सुरक्षा प्रमाण पत्र दिया था। इस इमारत का एक हिस्सा हाल में गिर गया था जिससे दो महिलाओं की मौत हो गई थी, हालांकि प्रोफेसर की गिरफ्तारी इस घटना से संबंधित नहीं है।
प्रोफेसर के बाद दो और आरोपी गिरफ्तार
सीबीआई ने मेसर्स व्योम आर्किटेक्ट के प्रखर पवार और कंपनी के एक कर्मचारी आबिद खान को भी गिरफ्तार किया है। सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा कि आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने कहा है कि ये मामला यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि प्रोफेसर सलाहकार के तौर पर बाहर भी काम करते थे उसी से जुड़ा हुआ मामला है।
इसलिए हो रही है ये जांच
अब उन तीनों को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। ओखला के फेज-3 में स्थित उस कंपनी के साथ मिल कर ये लोग इमारतों को फर्जी प्रमाण पत्र दे रहे थे और बदले में शुल्क वसूलते थे। सरकारी संस्थाएं ढांचों पर सवाल खड़ा न करे, इसीलिए ये खेल किया जा रहा था। सीबीआई अब पता लगा रही है कि इन्होंने अब तक कितनी ऐसी इमारतों को इस तरीके से सर्टिफिकेट दिए हैं। गुरुग्राम के सेक्टर-109 में पिछले दिनों एक इमारत का फ्लोर गिर गया था। उस इमारत के लिए भी सर्टिफिकेट इसी प्रोफेसर ने जारी किया था। इसकी भी जांच हो रही है।
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