वाराणसी। उत्तर प्रदेश में चुनावी नतीजों से पहले ईवीएम का मुद्दा बहुत तेजी से उछल गया है। अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वाराणसी में प्रशासनिक अधिकारी ईवीएम मशीनों को इधर से उधर कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने ये भी दावा किया कि वाराणसी में ईवीएम से भरा हुआ एक ट्रक सपा के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है। इस दावे के बाद से यूपी की सियासत में एक नया घमासान शुरू हो गया है। हालाँकि सपाइयों ने जिन ईवीएम को लेकर हंगामा काटा वो सभी मतगणना प्रशिक्षण के लिए जा रही थी और जिन ईवीएम का इस्तेमाल मतदान के दौरान हुआ था, वो सभी स्ट्रोंग रूम सुरक्षित हैं।
मंगलवार की शाम समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पहड़िया मंडी से ईवीएम दो वाहन में भरकर बाहर ले जाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन और हंगामा शुरू कर दिया। विवाद की जानकारी होने पर सुभासपा-सपा के सुनील सोनकर और अरविंद राजभर भी मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। इस बीच रात करीब ग्यारह बजे एडीजी की गाड़ी पर मौके पर जुटे लाेगों ने पथराव कर दिया। इससे उनके चालक लालता को चोट आई। मंडी गेट के बाहर भीड़ ने कमिश्नर की फ्लीट को रोका और बैरिकेडिंग लगा दिया। पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग गिरा कर जब गाड़ी निकालने का प्रयास किया जा रहा था तो पथराव शुरू हो गया। ड्राइवर लालता प्रसाद यादव के घायल होने पर उनको दीनदयाल में प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया।
विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के बीच माइक लेकर खड़े इलेक्ट्रानिक मीडिया के लोगों के साथ भी प्रदर्शन कर रहे लोगों ने धक्का मुक्की करने के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को घेर कर नारेबाजी भी की। समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा चक्काजाम किए जाने के चलते पहड़िया -सारनाथ रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। मार्ग जाम होने से राहगीर भी परेशान रहे और दूर दूर तक वाहनों की कतार लग गई।
हालाँकि जिन ईवीएम को लेकर इतना सब ड्रामा हुआ वो मतगणना प्रशिक्षण के लिए जा रही थीं। ईवीएम बॉक्स पर यह बात स्पष्ट तौर पर लिखी हुई है। वहीं जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण हेतु यह सभी ईवीएम मंडी स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज जा रही थी, कुछ राजनैतिक लोगों ने वाहन को रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कह कर अफवाह फैलाई है।
उन्होंने कहा कि कल काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग हेतु ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती है। जो ईवीएम चुनाव में प्रयुक्त हुई थीं वे सब स्ट्रांग रूम में सीआरपीएफ के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें सीसीटीवी की निगरानी है जिसे सभी राजनैतिक दलों के लोग देख रहे हैं।