नई दिल्ली। भारतपे के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। खबरों के मुताबिक, उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि, उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है।
अशनीर ग्रोवर ने लिखा है कि मैं इस बात से बेहद दुखी हूं, जिस कंपनी का मैं संस्थापक हूं आज मुझे उस कंपनी को अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मैं सिर ऊंचा करके कहता हूं कि आज यह कंपनी फिनटेक की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कंपनी में से एक है।2022 की शुरुआत से ही कुछ लोगों द्वारा मुझे और मेरे परिवार पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। जो न केवल मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार हैं, बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
इससे पहले भारतपे ने अपने ‘कंट्रोल्स’ विभाग की प्रमुख और अशनीर ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। भारतपे में माधुरी जैन नियंत्रण प्रमुख थीं। आंतरिक जांच में फिनटेक प्लेटफॉर्म पर उनके समय के दौरान धन की हेराफेरी का पता चला था। अशनीर ग्रोवर ने कोटक महिंद्रा बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ कथित रूप से अनुचित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए विवाद का सामना करने के बाद, मार्च के अंत तक स्वैच्छिक अवकाश ले लिया था, उनकी पत्नी माधुरी जैन भी जनवरी में छुट्टी पर चली गईं थी।
सिंगापुर मध्यस्थता हारे अशनीर ग्रोवर
अशनीर ग्रोवर को बड़ा झटका देते हुए सिंगापुर में उनके खिलाफ जांच शुरू करने के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर की गई मध्यस्थता में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। उनकी मध्यस्थता आपातकालीन मध्यस्थ (EA) को उनके खिलाफ भारतपे में चल रही शासन समीक्षा को रोकने के लिए मनाने में विफल रही। आपातकालीन मध्यस्थ ने उनकी अपील के सभी पांच आधारों को खारिज कर दिया। ग्रोवर ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्ब्रिटेशन सेंटर (एसआईएसी) में मध्यस्थता याचिका दायर की थी।
हिस्सेदारी बेच सकते हैं अशनीर
भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने निवेशकों से बातचीत भी शुरू कर दी है। अगस्त, 2021 में कंपनी का वैल्यूएशन 2.85 अरब डॉलर था। इसमें ग्रोवर का हिस्सा 9.5 फीसदी था। इसका मतलब है कि, वे कंपनी में 1,915 करोड़ के हिस्सेदार हैं।