नई दिल्ली। यूक्रेन से भारतीयों को लाने का मिशन तेज हो गया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की है। इसमें फैसला लिया गया है कि 4 केंद्रीय मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजे जाएंगे। साथ ही वो वहां से चलाए जा रहे भारतीयों के निकासी मिशन को कोऑर्डिनेट करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत कई मंत्री शामिल हुए। बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके। पीएम को जानकारी दी गई कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक भारतीय छात्रों को बस, ट्रेन या अन्य साधनों से ले जाया जा रहा है। वहां से विशेष उड़ानों के जरिए उनको भारत लाया जा रहा। इस पर पीएम ने फैसला किया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे।
मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए तेजी से काम कर रही है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों से उड़ानों की संख्या को बढ़ाने का फैसला लिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को वतन वापस लाया जा सके।
वापस लौटे छात्र हुए खुश
भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए यूक्रेन के पास के चार देशों के पास से सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है। ऐसे में भारतीय छात्र रोमानिया पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसी वजह से रोमानिया और यूक्रेन के बॉर्डर पर बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पहुंच गए हैं जो यूक्रेन का बॉर्डर क्रॉस कर रोमानिया में आने की इजाजत का इंतजार कर रहे हैं। रोमानिया ने भारत के अनुरोध पर छात्रों को बिना वीजा आने की इजाजत दी है।
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