नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर देश की बड़ी सरकारी कंपनियों को ब्लैकमेल करने वाले एक शख्स को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है।
ब्लैकमेलिंग का यह मामला 2016 का है, जब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद थे। तब उनके निजी सचिव राजभूषण सिंह रावत ने दिल्ली पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि कोई व्यक्ति योगी आदित्यनाथ के नाम से ई-मेल आईडी बनाकर कई बड़े अधिकारियों को फर्जी लेटर भेजे हैं। ये पत्र पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन, गेल इंडिया जैसी बड़ीं कंपनियों के आला अधिकारियों के नाम लिखे गए। इनमें योगी आदित्यनाथ का फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए।
दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता समझते हुए एफआईआर दर्ज की। मामला दर्ज होने के बाद [email protected] ई-मेल आईड की पड़ताल की गई। इससे जितने मेल भेजे गए उसके कंटेंट को खंगाला गया। ई-मेल के जरिए ONGC और GAIL को भेजे गए दो पत्रों में TOP News नाम के अखबार को विज्ञापन देने की सिफारिश की गई थी।
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया, “आईपी एड्रेस को ट्रेस करने पर पता चला कि कोई मनोज कुमार सेठ नाम का शख्स ये ई-मेल भेज रहा था। उसे ये पता चल गया कि दिल्ली पुलिस पीछे पड़ गई है और उसका प्लान फेल हो चुका है। इसे भांपते ही वो भूमिगत हो गया। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। पुलिस ने कई बार दबिश दी लेकिन वो बचता रहा।” इसके बाद एसीपी रमन लांबा, इंसपेक्टर सज्जन सिंह, एएसआई वेदपाल सिंह और सिपाही अमित की एक टीम बनाई गई। 28 जनवरी को मनोज कुमार एक खुफिया इनपुट के आधार पर भुवनेश्वर से पकड़ा गया।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह एक फ्रीलांस पत्रकार है और समाज आईना के नाम से एक पाक्षिक अखबार भी चलाता है। वह अपने लोकल अखबार के लिए विज्ञापन चाहता था, इसी मकसद से उसने ये साजिश रची। छानबीन से पता चला कि उसके खिलाफ कटक पुलिस में पहले से एक मामला दर्ज है। वह अपना रौब दिखाकर वसूली किया करता था।
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