मुंबई। मुंबई में इंडियन नेवी डॉकयार्ड पर मंगलवार को युद्धपोत आईएनएस रणवीर के इंटरनल कम्पार्टमेंट में ब्लास्ट हो गया है। इस ब्लास्ट में जहाज पर तैनात तीन नेवी जवान शहीद हो गए हैं और कई जवान घायल हो गए हैं हालांकि इस घटना के तुरंत बाद ही बचाव कार्य शुरू किया गया।
आईएनएस रणवीर ईस्टर्न नेवल कमांड से क्रॉस कोस्ट ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट पर था और जल्दी ही उसे अपने बेस पोर्ट पर लौटना था। और उसे कुछ देर बाद ही तट की ओर लौटना था, तभी ये विस्फोट हुआ। भारतीय नौसेना ने बयान में कहा, ‘मुंबई नौसैन्य डॉकयार्ड में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, आईएनएस रणवीर के एक आंतरिक कक्ष में विस्फोट के कारण नौसेना के तीन कर्मियों की मौत हो गई।’ बयान में उल्लेख किया गया, ‘आईएनएस रणवीर नवंबर 2021 से पूर्वी नौसैन्य कमान से क्रॉस कोस्ट अभियान तैनाती पर था और जल्द ही बेस पोर्ट पर लौटने वाला था।’ नौसेना ने कहा कि इस घटना के कारणों की जांच के लिए एक ‘बोर्ड ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया गया है।
इससे पहले जून 2016 में नौसेना के एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रमादित्य में बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें दो नौसैनिकों की मौत हो गई थी। गोवा के पास कारवार नौसेना के बेस पर विक्रमादित्य पर रिफिटिंग का काम चल रहा था, तभी हादसा हुआ। दुर्घटना एसटीपी सीवेज प्लांट में जहरीली गैस के रिसाव की वजह से हुआ था। इस हादसे में 2 की मौत हुई है और चार को बचा लिया गया था।
पांच राजपूत श्रेणी के विध्वंसकों में से चौथा आईएनएस रणवीर 28 अक्टूबर 1986 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह 30 अधिकारियों और 310 नाविकों के एक दल द्वारा संचालित है और हथियारों और सेंसर से लैस है। इसमें सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, विमान भेदी और मिसाइल रोधी बंदूकें और टारपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर हैं।
जहाज कामोव 28 एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर को संचालित करने में भी सक्षम है, जो जहाज को तटीय और अपतटीय गश्त, संचार की समुद्री लाइनों की निगरानी, समुद्री कूटनीति, आतंकवाद और एंटी-पायरेसी ऑपरेशन सहित कई तरह की भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है। ‘रणवीर’ नाम का अर्थ है युद्ध में लड़ने वाले योद्धाओं की वीरता और पराक्रम।
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