नोएडा। बीमा और इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मंगलवार को सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस ने एक महिला सहित कुल आठ आरोपितों को सेक्टर-62 से गिरफ्तार किया है।
डीसीपी राजेश एस ने बताया कि एनटीपीसी से सेवानिवृत्त जीएम रियाज हसन ने बीमा कराने के नाम पर 1.44 करोड़ रुपये ठगने की शिकायत 2021 में की थी। रियाज की सेवानिवृत्ति का पूरा पैसा ठगों ने हड़प लिया था। आरोपियों ने वर्ष 2017 में रियाज से संपर्क किया और भारती एएक्सए इंश्योरेंस का अधिकारी बताकर अच्छा मुनाफा बताकर निवेश करा लिया। रियाज को झांसा देकर आरोपियों ने दस बीमा कराए थे और 1.44 करोड़ रुपये जमा करा लिए। पिछले साल उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी में जाकर पता किया तो फर्जीवाड़े का पता चला। इसके बाद उन्होंने की शिकायत की।
कोतवाली सेक्टर-58 के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार की टीम ने मंगलवार को मेरठ के जानी निवासी नीरज कुमार, बुलंदशहर निवासी अजहरउद्दीन, मसूरी निवासी अमरपाल, लोनी निवासी विकास, सोहन, नीतू आर्या व नीतू का पति सुनील और बुलंदशहर निवासी सुनील को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी राजेश एस ने बताया कि विकास, सोहन और नीतू 2017 में सेक्टर-63 स्थित इंडिया इन्फो फाइनेंस लिमिटेड में नौकरी करते थे। यहां तीनों की मुलाकात नीरज, अजहर और अमरपाल से हुई। सभी आरोपित अलग-अलग कंपनी के इंश्योरेंस कंपनी के पालिसी का डाटा अपने पास रखते थे और उसी के सहारे व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा करते थे। आरोपितों के पास एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, रिलाइंस निपोन लाइफ इंश्योरेंस, डीएचएफएल इंश्योरेंस कंपनी, पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस कंपनी का डाटा रहता था। इन्हीं कंपनी के सहारे आरोपितों ने रियाज अहमद से ठगी की थी।
कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि आरोपित फर्जी नामों के सहारे ठगी करते थे। आरोपित नीरज ठगी के समय निखिल जाधव बन जाता था। इसके अलावा अजहर शंभूनाथ, विकास एके त्रिपाठी, अमरपाल अटल और सोहन एके गुप्ता बनकर ठगी करता था। नीतू आर्या स्वाति सेठिया और प्रीति जबकि सुशील सुनील बनकर ठगी करता था। आरोपितों ने मुंबई, गुजरात, पुणे और राजस्थान में रहने वाले करीब 300 लोगों के साथ ठगी की है। नीरज, अमरपाल व अहजर के द्वारा सभी लोगों को कस्टमर से बात करने का टार्गेट दिया जाता था तथा जो पैसा आता था उसको सभी लोगों को बांटा जाता था।
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि ये आरोपी पहले बुजुर्गों से बातचीत कर उनका हालचाल लेते थे और फिर आकर्षक ऑफर बताकर इंश्योरेंस कंपनियों में निवेश कराने के लिए तैयार करते थे। इसके बदले उन्हें कंपनी के फर्जी कागज भेजते थे। कुछ पैसे निवेश कराने के बाद उन्हें उससे अधिक रकम कुछ समय में ही रिफंड कर देते थे। इससे बुजुर्गों का विश्वास बढ़ जाता था। पीड़ित रियाज हसन को भी इन आरोपियों ने पहले सात लाख रुपये वापस कर दिए थे। इसके बाद उनका विश्वास इन पर बढ़ गया था और 1.44 करोड़ रुपये निवेश कर दिए।
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड नीरज दिल्ली से एमबीए है। नीरज मुंबई में ईएसएसआइटीवाई इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड में 30 लाख सालाना और नोएडा के कोलोप्लास्ट कंपनी में 15 लाख के सालाना पैकेज पर काम करता था। आरोपित अमरपाल ने मेरठ एफआइटी से एमसीए किया था। उसके बाद कुछ समय कंपनी में काम किया। कंपनी छोड़ने के बाद वह एक एनजीओ चलाने लगा और उसकी आड़ में फर्जीवाड़ा करता था। गिरोह पिछले पांच वर्षों से सक्रिय है। अजहर गिरोह को आपरेट करता था।
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपियों ने कई शहरों में संपत्ति खरीदी है। अमरपाल ने डासना, राजनगर एक्सटेंशन व देहरादून में फ्लैट खरीदे हैं। नीरज ने गाजियाबाद में प्लॉट व फ्लैट और अजहर ने मसूरी व डासना में संपत्ति खरीदी है। आरोपियों की बाकी संपत्तियों के बारे में पता किया जा रहा है। इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी और अवैध धन से अर्जित संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।
संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार की तरफ से प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार और उनकी टीम को 50 हजार रुपये और डीसीपी नोएडा राजेश एस की तरफ से 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। आरोपितों के पास से 47 लाख 55 हजार रुपये नकद, ब्रीजा, आइ-टेन और दो आई-20 कार, 16 मोबाइल, छह लैपटाप, एक हार्ले डेविडसन और 85 आधार कार्ड सहित अन्य सामान बरामद हुआ है।