नशे में धुत कॉन्स्टेबल ने डिलीवरी ब्वॉय को कार से कुचला, 7 महीने पहले हुई थी पिता की मौत

नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी के बुद्ध विहार में कथित तौर पर शराब के नशे में कार चला रहे एक दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल की कार से टकरा जाने से जोमैटो के एक डिलीवरी ब्वॉय की मौत हो गई। आरोपी कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि वह अपने परिवार में अकेला कमाने वाले थे। उनके पिता की कोविड की वजह से मौत हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार, बुध विहार में बाबा साहब अंबेडकर हॉस्पिटल के सामने शनिवार रात एक मारुति ब्रेजा कार ने डीटीसी बस और बाइक सवार को टक्कर मार दी थी। जिसमे बाइक सवार युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक युवक की पहचान सलिल त्रिपाठी पुत्र जंगबहादुर त्रिपाठी के रूप में हुई है, जो जोमैटो में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था। हादसा इतना भयानक था कि बाइक सवार सलिल करीब 15 फुट हवा में उछलकर गिरे। इसके बाद वह कार से कुछ दूर तक घिसटते चले गए। टक्कर की वजह से कार का अगला हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया।

कार चालक की पहचान कांस्टेबल महेंद्र के तौर पर हुई है, महेंद्र पर आरोप है कि जिस वक्त ने उसने इस हादसे को अंजाम दिया उस वक्त वह बेहद नशे में था। हादसे के बाद भी कार में बैठा रहा। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने आरोपी कॉन्स्टेबल महेंद्र की हादसे के वक्त एक वीडियो की बनाई थी जिसमें वो बेहद नशे में नजर आ रहा है। घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक कॉन्स्टेबल बुध विहार थाने में तैनात है।

मूल रूप से यूपी के आंबेडकर नगर जिले के कमालपुर गांव के रहने वाले जंगबहादुर त्रिपाठी चार दशक पहले दिल्ली आए थे। वह बुद्ध विहार के श्याम विहार इलाके में रहते थे। उन्होंने इसी इलाके में एक छोटी सी फैक्ट्री खोली थी, जहां डिब्बों के ऊपर कंपनी या ब्रैंड के नाम की छपाई का काम होता था। पिछले साल फरवरी में पहले हार्ट की बीमारी के चलते पहले सलिल की चाची का निधन हो गया। उसके बाद मई में कोविड की चपेट में आए सलिल के पिता जंगबहादुर त्रिपाठी भी चल बसे। ऐसे में घर की जिम्मेदारी सलिल के कंधों पर आ गई। सलिल पहले नई दिल्ली के एक नामी होटल में मैनेजर की नौकरी करते थे लेकिन कोरोना की पिछली लहर ने पिता के साथ-साथ उनकी नौकरी भी उनसे छीन ली।

नौकरी छूटने के बाद भी सलिल ने हिम्मत नहीं हारी। वह लगातार कोई न कोई काम तलाशते रहे और इन परिस्थितियों से उबरने की कोशिश करते रहे। किसी मित्र की सलाह पर तीन-चार महीने पहले ही उन्होंने फूड डिलिवरी का काम शुरू किया था। साथ में वह कोई अच्छा जॉब भी तलाश रहे थे, लेकिन होटल-रेस्टोरेंट्स के बार-बार बंद होने के कारण उन्हें मनचाहा जॉब अभी नहीं मिल पा रहा था।

हादसे की सूचना के बाद घर में मातम
शनिवार रात जब सड़क हादसे में सलिल की मौत हो गई, उस वक्त उनके चाचा अपने भाई की मृत्यु के बाद उनके परिवार में होने वाले किसी रीति-रिवाज को पूरा करने गांव गए हुए थे। घर पर केवल सलिल की मां कल्याणी, पत्नी ममता, बेटा दिव्यांश और कजिन आदि ही थे। हादसे की सूचना मिलते ही पूरे घर में फिर से मातम छा गया। रविवार की सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद जब लाश मिली तो पूरा परिवार अंतिम संस्कार के लिए बॉडी लेकर गांव चला गया।

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