गाजियाबाद। अपनी बेटी की हत्या के मामले में जेल में बंद एक आरोपी ने सजा से बचने के लिए खुद की हत्या की साजिश रच डाली। उसने पैरोल पर जेल से बाहर आकर एक व्यक्ति को अपने कपड़े पहनाकर उसकी हत्या कर दी और शव को कुचलकर जला दिया। इस साजिश में उसकी पत्नी भी शामिल थी और उसने शव की पहचान अपने पति के रूप में कर अंतिम संस्कार भी कर दिया। लेकिन पुलिस ने अब हैरान कर देने वाला खुलासा करते हुए पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
20 नवंबर को लोनी इलाके के एक खाली प्लॉट में एक अज्ञात अधजली शख्स की लाश मिली थी। उसका चेहरा भी बुरी तरह से कुचला हुआ था। पुलिस ने लाश को कब्जे में लिया और आसपास के लोगों से पूछताछ करनी शुरू की। छानबीन के दौरान एक महिला अनुपमा ने लाश की शिनाख्त अपने पति के तौर पर की।
उसने कहा कि यह शव दिल्ली की शिवविहार कॉलोनी निवासी सुदेश 39 पुत्र रामपाल का है। वह 19 नवंबर की शाम घर से किसी से मिलने के लिए घर से निकला था लेकिन उसके बाद वापस नही लौटा। पुलिस ने अनुपमा के बयान के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। वहीं अनुमपा ने विधि-विधान से शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
वहीं पुलिस को इस मामले में शुरुआत से ही शक था, जब शव की पहचान छिपाने के लिए उसका चेहरा कुचल दिया गया था तो उसकी जेंब में आधार कार्ड क्यों छोड़ दिया गया। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी और सुदेश की कॉल डिटेल्स खंगाली। इसके साथ ही साथ उसकी प्रोफाइल भी खंगाली गई। इस दौरान पता चला कि सुदेश ने अपनी 13 साल की बेटी वंशिका की हत्या की थी, इस मामले में वह जेल में बंद था और 21 मई को वह पैरोल पर आया था। इसी हत्या में सुदेश को सजा होने वाली थी।
इस जानकारी के बाद गाजियाबाद पुलिस ने अनुपमा को बुलाया और कड़ाई से पूछताछ करनी शुरू की। पूछताछ में अनुपमा ने जो खुलासा किया, उसे सुनकर पुलिस के होश उड़ गए। इसके बाद पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया लेकिन इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ, दरअसल यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि खुद सुदेश ही था। वही सुदेश जिसकी हत्या की जांच पुलिस कर रही थी, जिसकी लाश खाली प्लॉट में मिली थी और उसकी पत्नी ने उसकी शिनाख्त कर अंतिम संस्कार किया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ग्रामीण डा. ईरज राजा ने बताया कि सुदेश ने मार्च 2018 में अपनी 13 साल की बेटी की हत्या कर दी थी क्योंकि वह एक किशोर के साथ चली गई थी। दिल्ली की करावलनगर थाना पुलिस ने सुदेश को बेटी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दिल्ली की मंडोली जेल से सुदेश को 21 मई 2021 को अंतरिम जमानत मिली थी। बेटी की हत्या के आरोप में सजा सुनाई जानी थी। इससे बचने के लिए सुदेश ने साजिश रची कि किसी और की हत्या कर शव की पहचान मिटा देंगे। पत्नी की पहचान सुदेश के रूप में करेगी, सुदेश की मौत से बेटी की हत्या का केस भी खत्म हो जाएगा और दोनों अपना मकान बेचकर बेटे के साथ दिल्ली छोड़ देंगे।
साजिश के तहत सुदेश ने लोनी इलाके के अपने छत की मरम्मत करने के लिए एक मिस्त्री डोमन रविदास को कॉल किया। दिल्ली के करावल नगर से उसे लेकर लोनी इलाके में पहुंचा, जहां उसकी बीवी अनुपमा भी मौजूद थी। सुदेश ने मिस्त्री से काम करवाया और शाम को जमकर शराब पिलाई फिर लालच देकर अपने कपड़े उसे दिए, जिसे मिस्त्री ने पहन लिया। नशे में होने के बाद सुदेश और उसकी पत्नी अनुपमा ने चारपाई के पाए से सिर में मार कर रविदास की हत्या कर दी। उसके चेहरे को कुचला और लाश जला दी।
सुदेश ने अपनी पत्नी से कहा कि जब पुलिस लाश की पहचान के लिए कहे तो तुम मेरी बताना, इससे मैं हमेशा के लिए मरा हुआ साबित हो जाऊंगा और सजा से बच जाऊंगा। इसके बाद सुरेश रविदास के शव को साइकिल से लोनी बार्डर की इंद्रापुरी कालोनी में खाली प्लाट में डालकर चेहरा जला दिया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि मजदूर की पहचान बिहार के गया जिला निवासी के तौर पर हुई है।