यूपी में अपने बेटे से परेशान बुजुर्ग ने डीएम के नाम कर दी करोड़ों की सम्पत्ति

आगरा। यूपी के जनपद आगरा के रहने वाले एक मसाला व्यापारी बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति आगरा के जिलाधिकारी के नाम कर दी है। पिता का कहना है कि उनके घर में किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है फिर भी बेटा आये दिन उन्हें परेशान करता है और उनकी संपत्ति से हिस्सा मांगता है। यहां तक कि उन्हें घर से निकाल दिया। उन्होंने अपने बेटे को कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह समझता नहीं। इसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। आगरा जिलाधिकारी के नाम की गयी ये संपत्ति लगभग दो करोड़ की है।

आगरा के पीपल मंडी निरालाबाद के रहने वाले गणेश शंकर पांडे गुरूवार को जनता दरबार में पहुंचे थे, जहां उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान से मुलाकात की। उन्होंने कहा सिटी मजिस्ट्रेट को कागज़ थमाते हुए कहा कि यह आगरा जिलाधिकारी के नाम की वसीयत है जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति जिलाधिकारी के नाम कर दी है। यह सुनते ही कार्यालय में मौजूद सभी अधिकारी और कर्मचारी भी दंग रह गए। इसके बाद गणेश शंकर पांडे ने अपनी आपबीती सुनाई।

गणेश शंकर पांडे ने बताया कि वे चार भाई नरेश शंकर पांडे, रघुनाथ शंकर पांडे और अजय शंकर पांडे हैं, सभी ने मिलकर एक हजार गज जमीन खरीदी थी। सभी भाइयों ने इसका मौखिक बंटवारा भी कर लिया था। घर में किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है इसके बावजूद भी दिग्विजय उनसे उनके एक चौथाई हिस्से की मांग करता है। जबकि छोटा बेटा इसका विरोध नहीं करता इसीलिए उसे घर से बाहर भी निकाल दिया।

गणेश शंकर पांडे के मुताबिक उन्औहोंने र उनके भाइयों ने दोनों बेटे को काफ़ी समझाने की कोशिश की लेकिन वह समझने को तैयार नहीं है। बड़ा बेटा दिग्विजय शंकर पांडे लगातार उन्हें संपत्ति के लिए बहुत परेशान कर रहा है जिससे आजिज आकर उन्होंने यह संपत्ति जिलाधिकारी के नाम कर दी है। इस संपत्ति की कीमत आज के सर्किल रेट के हिसाब से दो करोड़ आंकी जा रही है।

आगरा के सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान ने बताया कि गुरुवार को एक बुजुर्ग आये थे। उन्होंने अपने बेटे द्वारा की जा रही उपेक्षा से खिन्न होकर यह संपत्ति जिलाधिकारी के नाम की है। जिसके लिए वह कल एक रजिस्टर्ड वसीयत नामा लेकर आए थे, उनसे संपत्ति के सभी कागजात ले लिए गए हैं।

आगरा के सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान ने बताया कि बुजुर्ग ने अपने बेटे द्वारा की जा रही उपेक्षा से खिन्न होकर यह संपत्ति जिलाधिकारी के नाम की है। वह एक रजिस्टर्ड वसीयत नामा लेकर आए थे, उनसे संपत्ति के सभी कागजात ले लिए गए हैं।

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