यहां से गुजरिए साहब, तब पता चलेगा हमारा दर्द…संजय नगर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का एक हिस्सा ऐसा भी

गाजियाबाद। जर्जर सड़क, जलजमाव से परेशान लोग, गलियों में बहता नाली का गंदा पानी और उनसे फैलती बीमारी। इनसे निजात के लिए जनप्रतिनिधियों के चक्कर। आश्वासन और इंतजार। शहर के संजय नगर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक हिस्से की ऐसी ही कहानी है। जनप्रतिनिधि और नगर निगम द्वारा समस्या के समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

सेक्टर 23 संजय नगर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की तालियान प्रॉपर्टीज वाली गली बीते दो सालों से अपनी बदहाली का रोना रो रही है। यहाँ करीबन 25 फीट रोड पर बने 12 मकानों में करीबन 50 लोग रहते हैं। कॉलोनी में पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। न ही सीवर लाइन है और न ही नालियां। कुछ सड़कों के किनारे नाली बनी हैं लेकिन वह मेन लाइन से नहीं मिलती। इस कारण सही प्रकार से पानी सड़क से होकर कॉलोनी के बाहर नहीं निकल पाता और सड़क पर ही जमा रहता है। यहाँ इंटरलॉकिंग सड़क बनाई गयी है लेकिन दो साल से जमा पानी की वजह से सड़क भी जर्जर हो गयी है।

जहां गर्मी के बाद लोग राहत के लिए बारिश का इंतजार करते हैं वहीं यहां के लोगों के लिए बारिश का मौसम मन में भय पैदा कर देता है। मानसून के पूरे मौसम में इस गली की सड़क पर जमा पानी की समस्या और विकराल हो जाती है। इससे न सिर्फ लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है, बल्कि कीचड़ और गंदा पानी जमा होने की वजह से मच्छर और दुर्गंध से भी लोगों का बुरा हाल है।

लगातार पानी जमा रहने की वजह से कई घरों की दीवारों पर भी सीलन आ चुकी है। इससे लोगों में रोष गहराता जा रहा है। त्यौहार के मद्देनजर स्थानीय निवासियों ने खुद से सड़क को लेवल करने के लिए उस पर मलबा डलवाया, ताकि बारिश का पानी इकट्ठा न हो और कम से कम कीचड़ से निजात मिले।

मोटर से निकालते हैं सड़क का गंदा पानी
कॉलोनी में जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय लोग मोटर चलाकर पाइप से गंदा पानी बाहर निकालते हैं। इस काम में उनके हर दिन घंटों बर्बाद होते हैं।

कितने इंजन की सरकार चाहिए?
भाजपा की विकास की थ्योरी में राजनैतिक मंचों से डबल इंजन का अक्सर जिक्र होता है जिसका मतलब है केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार होनी चाहिए। लेकिन यहाँ तो विधायक-सांसद से लेकर मेयर और पार्षद भी भाजपा का ही है इसके बावजूद भी ये हाल है। ऐसे में सवाल है कि कॉलोनी के लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कितने इंजन की सरकार होनी चाहिए।

स्थानीय निवासी और प्रदेश महासचिव शिक्षक प्रकोष्ठ कांग्रेस कामिनी शर्मा ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए दो बार जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गयी है, नगर आयुक्त को पत्र लिखा गया, साथ ही मेयर आशा शर्मा को भी फोन कर समस्या से अवगत करवाया है इस सबके बावजूद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने बताया कि पार्षद के मुताबिक दो साल पहले इसका टेंडर जारी हो चुका है। 

वहीं पार्षद अजयवीर चौधरी ने बताया कि कॉलोनी के अस्तित्व से ही यह समस्या है, यहाँ सड़क के मुकाबले बने घरों का लेवल काफी नीचे है। सड़क-नाली निर्माण करवाने का प्रयास भी किया था लेकिन स्थानीय लोग घर नीचे दब जाने की बात कहकर विरोध करते हैं। उन्होंने बताया कि इस समस्या का समाधान जल्द कर दिया जाएगा।

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