जानबूझकर फोड़े पटाखे और बीजेपी ने यह करवाया, इसलिए बढ़ा प्रदूषण: गोपाल राय

दिल्ली। दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर खूब पटाखे चले। इसे लेकर अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि बीजेपी ने लोगों को जानबूझकर पटाखे जलाने के लिये उकसाया, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हुई है।

गोपाल राय ने कहा कि लोगों द्वारा पटाखे जलाए जाने के पीछे बीजेपी है। उन्होंने कहा, दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके पीछे दो कारण हैं, एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं। 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं। कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है।

उन्होंने आगे कहा, भाजपा के नेताओं ने हर समय बयान दिए कि पटाखे जलाने से कुछ नहीं होता है, यह धर्म और त्योहार का मामला है। अब सभी वैज्ञानिक कह रहे हैं कि पटाखों से प्रदूषण होता है. दो दिन पहले हवा की जो गुणवत्ता थी, वह आज नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे नहीं फोड़े। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं, लेकिन कुछ लोगों ने जानबूझकर पटाखे फोड़े।

वहीं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली की हस्सेदारी 36 प्रतिशत रही, जो इस मौसम में अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा पटाखों के कारण उत्पन्न उत्सर्जन की वजह से दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी के उच्च स्तर तक गिर गई है, जबकि पराली जलाने से हुए उत्सर्जन का हिस्सा आज 36 प्रतिशत पर पहुंच गया है। गुरुवार को, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली का हिस्सा 25 प्रतिशत था। पिछले साल पांच नवम्बर को दिल्ली के पीएम2.5 पद्रूषण में पराली की हस्सेदारी 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जबकि उससे एक साल और पहले 2019 में एक नवम्बर को यही आंकड़ा 44 प्रतिशत था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम 2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई जो 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है। गुरुवार शाम 6 बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़े को पार कर गया और सुबह नौ बजे यह 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक क्रमश: 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘इमरजेंसी कैटेगरी’ में मानी जाती है।

कल रात गंभीर श्रेणी में प्रवेश कर चुके, दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का ऊपर बढ़ना जारी रहा और शुक्रवार को दोपहर 12 बजे यह 462 दर्ज किया गया। फरीदाबाद (460), ग्रेटर नोएडा (423), गाजियाबाद (450), गुरुग्राम (478) और नोएडा (466) के पड़ोसी शहरों में भी दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई।

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