कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी का गुरुवार को निधन हो गया। कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से हृदय संबंधी बीमारी का इलाज करा रहे थे।
सुब्रत मुखर्जी को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी की एक नवंबर को ‘एंजियोप्लास्टी’ हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे। वह मधुमेह, फेफड़े की बीमारी और वृद्धावस्था की अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। बंगाल के पंचायत मंत्री मुखर्जी 75 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं। मुखर्जी के पास तीन और विभागों का प्रभार था। मंत्री फिरहाद हकीम ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के बाद रात नौ बजकर 22 मिनट पर उनका निधन हो गया।
वहीं ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं यकीन नहीं कर सकती हूं कि वह अब हमारे साथ नहीं हैं। वह पार्टी के एक समर्पित नेता थे। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।’ ममता बनर्जी ने बताया कि मुखर्जी के पार्थिव शरीर को सरकारी सभागार रबींद्र सदन ले जाया जाएगा, जहां शुक्रवार को लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद पार्थिव शरीर को बालीगंज ले जाया जाएगा और फिर उनके पैतृक आवास ले जाया जाएगा।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने अपने जीवन में कई आपदाओं का सामना किया है लेकिन यह बहुत बड़ा झटका है। मुझे नहीं लगता कि सुब्रत दा जैसा कोई दूसरा व्यक्ति होगा जो इतना अच्छा और मेहनती होगा। पार्टी और उनका निर्वाचन क्षेत्र (बालीगंज) उनकी आत्मा थी। मैं सुब्रत दा का शव नहीं देख पाऊंगी।’
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘यह पश्चिम बंगाल के लिए एक बड़ी क्षति है। ऐसा लगता है कि मैंने अपने बड़े भाई को खो दिया है। कुछ दिन पहले, मैं उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल गया था और उनसे बात की थी। यह भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।’
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