गाजियाबाद। दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शुक्रवार सुबह हवा का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश बस कागजों तक सिमट कर रह गए।
गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक रात 12 बजे 441 पहुंच गया। जबकि बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 था। गुरुवार रात शहर में हुई जबरदस्त आतिशबाजी के बाद एक्यूआई में 88 पॉइंट का उछाल आया और गाजियाबाद डार्क रेड जोन में चला गया। वहीं देर रात करीबन 3 बजे वायु गुणवत्ता 999 मापी गई है। जिले में हवा की सेहत खराब होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद पटाखों की बिक्री और पटाखों को फोड़ने जलाने पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके खूब पटाखे बिके और फूटे भी। चारों तरफ पटाखे का धुआं भर गया।
गाजियाबाद के अलावा दिल्ली के कई इलाकों के साथ ही यूपी के नोएडा में एक्यूआई 999 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली के प्रदूषण स्तर में बृहस्पतिवार को पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है। सुबह भी हवा का एक्यूआई लेवल 999 पर बरकरार है। गौरतलब है कि जब एक्यूआई मापा जाता है, उसमें अधिकतम 999 ही रिकॉर्ड किया जा सकता है. इससे अधिक का एक्यूआई में विकल्प ही नहीं है। ऐसे में कहा ये भी जा रहा है कि हवा की गुणवत्ता 999 से भी ज्यादा खराब है।
दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं। राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए। वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए। हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था।
शून्य और 50 के बीच AQI को अच्छा माना गया
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में प्रदूषण का स्तर 0-50 तक होने पर न्यूनतम प्रभाव होता है। शून्य और 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 और 100 के बीच AQI को संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
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