डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद के खिलाफ हो सकती है गुंडा एक्ट की कार्रवाई

गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर के महंत एवं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद नंद गिरी गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो सकती है। पुलिस ने इसके लिए दूसरी बार फाइल भेजी है। इससे पहले 2016-17 में फाइल भेजी गई थी।

बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील के हिरनौट गांव के निवासी दीपक त्यागी से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद नंद गिरी बनने तक उनके खिलाफ विभिन्न जनपदों में कई मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें से गाजियाबाद में 13 मुकदमे मौजूदा समय में चल रहे हैं। इसीलिए पुलिस अधिकारियों ने गुंडा एक्ट की फाइल बनाकर प्रशासन को भेज दी है। एसडीएम के पास फाइल गई है। यहां से मजिस्ट्रेट गुंडा एक्ट लगाने पर निर्णय लेंगे। वह धाराएं देंगे, उसके बाद गुंडा एक्ट लगाएंगे। यदि फाइल में कोई कमी होगी तो पुलिस को वापस भेज दी जाएगी। इनमे भड़काऊ भाषण देने, बार-बार माहौल खराब करने, पुलिस पर दबाव बनाने, पुलिस को गलत साबित करने और महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने समेत अन्य मुकदमों को आधार बनाया है।

हाल ही उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के 10 साल के बच्चे की तुलना एक ट्रेंड किलर से कर डाली थी जो घूमता हुआ गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के परिसर में आ गया था। यति नरसिंहानंद का आरोप था कि उसे मंदिर की रेकी करने के लिए भेजा गया था। हालांकि पुलिस ने बाद में स्पष्ट किया कि बच्चा मंदिर से लगे हुए हेल्थ सेंटर की ओर जा रहा था लेकिन अपना रास्ता भटककर मंदिर में आ गया था।

वहीं सितम्बर माह की शुरुआत में नरसिंहानंद का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे महिलाओं को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते सुनाई दे रहे हैं। वीडियो को लेकर डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में तीन मुकदमे दर्ज हुए। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने गाजियाबाद सदर के सीओ को पत्र लिखकर वीडियो से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि किसी ने साजिश के तहत छेड़छाड़ कर इसे सार्वजनिक कर दिया। महंत यति नरसिंहानंद ने अपनी सफाई में कहा है कि व्यक्तिगत वार्ता का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर साजिश के तहत छेड़छाड़कर सार्वजनिक किया है। छेड़छाड़ के कारण मेरी बातों के अर्थ का अनर्थ हो गया। ये वीडियो करीब सात से आठ महीने पहले का है।

नरसिंहानंद सरस्वती ने सीओ सदर गाजियाबाद को पत्र लिखकर कहा है कि कभी भी मातृशक्ति के लिए सार्वजनिक रूप से कोई अपमानजनक या उपहासजनक टिप्पणी नहीं की। वायरल वीडियो को लेकर नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि इससे शर्मिंदा हूं, आहत हूं। नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि इस वीडियो के कारण जिन्हें भी ठेस पहुंची हो, हम क्षमा प्रार्थी हैं। सीओ को लिखे पत्र में नरसिंहानंद ने उन्हें आश्वस्त किया है जीवन में फिर कभी ऐसा नहीं होगा।

संन्यास धारण करने से पहले दीपक त्यागी नाम था
मेरठ में जन्मे यति नरसिंहानंद साल 2007 से डासना देवी के पुजारी हैं। संन्यास धारण करने से पहले उनका नाम दीपक त्यागी था। बाद में उन्होंने अपना नाम बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह कर लिया था। उसके बाद वह यति नरसिंहानंद सरस्वती हो गए। यति के मित्र अनिल यादव बताते हैं, ‘1998 में वह बीजेपी के बीएल शर्मा से मिले थे जिन्होंने उन्हें एक व्यक्ति के रूप में बदला।’

मॉस्को में केमिकल इंजीनियरिंग का कोर्स
यति ने हापुड़ के चौधरी तारा चंद इंटर कॉलेज से पढ़ाई की। वह दावा करते हैं कि वह 1989 में केमिकल टेक्नॉलजी के कोर्स के लिए मॉस्को गए थे। यति के अनुसार, वह 1994 में ग्रैजुएट हुए और 1997 में भारत लौटने से पहले इंजीनियर के रूप में काम किया। मां के बीमार पड़ने पर वह भारत लौट आए। यति बताते हैं कि उनके पिता केंद्र सरकार के कर्मचारी रह चुके हैं और उनके दादा कांग्रेस से जुड़े थे।

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