अमित शाह ने मंच से हटवाई बुलेट प्रूफ ग्लास शील्ड, बॉर्डर पर लोगों के साथ गुजारा वक्त

श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर दौरे के तीसरे और आखिरी दिन श्रीनगर में सोमवार को एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान बुलेट प्रूफ ग्लास शील्ड हटवाई और फिर कहा कि आप लोगों से खुलकर बात करना चाहता हूं। इससे पहले रविवार शाम को वह आरएसपुरा सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी गए। जम्मू से सटे मकवाल में उन्होंने बीएसएफ के पोस्ट पर जाकर जवानों से बातचीत की और यहां के स्थानीय लोगों के साथ समय गुजारा।

अमित शाह ने कहा, मैं 5 अगस्त 2019 के बाद पहली बार आया हूं। मैं आपको एक भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। 2024 में आपके इसके खुद गवाह होंगे। इस दौरान पहले उन्होंने जम्मू कश्मीर में भाजपा सरकार की ओर से दी जा रही विकास परियोजनाओं का जिक्र किया। अमित शाह ने कहा कि घाटी आगे आने वाले दिनों में भारत को विश्व शक्ति बनाने में मदद करेगा। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मंच से बुलेट प्रूफ ग्लास शील्ड हटाई। फिर कहा, “मुझे बहुत ताने सुनाए गए। बहुत बोला गया। बहुत कड़े शब्दों में बोला गया। लेकिन मैं आज आप लोगों के साथ खुलकर बात करना चाहता हूं। इसलिए मैं बिना बुलेट प्रूफ ग्लास के आप लोगों से बात कर रहा हूं।”

अमित शाह ने कहा, आर्टिकल 370 के बाद हमने इंटरनेट बंद किया था। घाटी में कर्फ्यू लगाया गया था। विपक्ष का आरोप था कि हमने ऐसा क्यों किया? शाह ने बताया कि अगर हम घाटी में इंटरनेट को बंद ना करते, कर्फ्यू ना लगाते, तो युवाओं को भड़का कर जो स्थिति बनती, उसमें कौन मरता, युवा मरते। हम नहीं चाहते थे कि किसी युवा पर गोली चलानी पड़े।

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के बारे में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, “मैंने अखबार में पढ़ा। फारूख साहब ने मुझे सलाह दी है कि भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। खैर फारूख साहब सीनीयर आदमी हैं, मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लेकिन मैं फारूख साहब से कहना चाहता हूं कि मैं बात करुंगा तो घाटी के लोगों से बात करुंगा। घाटी के युवाओं से बात करुंगा। मैं क्यूं न बात करुं आपसे। हम चाहते हैं कि हम आपसे बात करें। मैं घाटी के युवाओं से दोस्ती करना चाहता हूं। घाटी के युवाओं के साथ बात करना चाहता हूं।”

अमित शाह ने कहा, आप सब अपने दिल में से खौफ और डर निकाल दीजिए। कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा में अब कोई खलल नहीं डाल सकता। गृह मंत्री ने कहा, मैं आज कश्मीर के युवाओं से अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? गृह मंत्री ने कहा, 40000 हजार लोग घाटी में मारे गए। आज तक विपक्ष ने आतंकवाद की निंदा नहीं की। आज मैं साफ करने आया हूं कि हम आतंकियों को नागरिकों को मारने की इजाजत नहीं देंगे। जो शांति में खलल डालने की कोशिश करेगा, उन्हें जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि तीन परिवारों ने सिर्फ कश्मीर को लूटा है। कश्मीर के युवाओं को चुनाव लड़ने का अधिकार क्यों नहीं मिला। 70 साल तक सांसद विधायक अपने ही लोगों को बनाया। अगर कोई युवा मुख्यमंत्री बनता है तो उनके परिवारों का क्या होगा। युवाओं से कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया चुनिए, आप भी सांसद, विधायक मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

वहीं अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन रविवार को शाह केंद्र शासित प्रदेश की शीतकालीन राजधानी पहुंचे। रविवार शाम को वह आरएसपुरा सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी गए। गृहमंत्री अमित शाह ने मकवाल में एक स्थानीय नागरिक का फोन नंबर अपने मोबाइल में सेव किया। इतना ही नहीं गृहमंत्री ने उन्हें अपना नंबर भी दिया और कहा कि जब भी उन्हें जरूरी लगे वह फोन कर सकते हैं।

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