उत्तराखंड और केरल में बारिश ने मचाई तबाही, अब तक 82 लोगों की मौत

देहरादून/तिरुअनंतपुरम। उत्तर भारत समेत केरल राज्य में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं। उत्तराखंड व केरल में पिछले दिनों आइ बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी क्षति पहुंचाई है। दोनों ही राज्यों में देखा जाए तो कुल अब तक 82 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रियों से अपील की है कि वे जहां हैं वहीं रहें। मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें।

उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन की घटनाओं में 47 लोगों की मौत हो गई। सबसे बुरी तरह प्रभावित नैनीताल क्षेत्र में ही मंगलवार तड़के सात अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 30 की मौत हो गई। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर शामिल हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा अभी लापता है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।

अल्मोड़ा में मकान गिरने से 3 बच्चों की मौत
अल्मोड़ा में लैंडस्लाइड से मकान गिरने के कारण 3 बच्चों की दबकर मौत हो गई। एक महिला के घायल होने और एक व्यक्ति के लापता होने की भी खबर है। जिले के कई इलाकों का बाकी हिस्सों से संपर्क पूरी तरह से कट चुका है। मलबे के कारण जिले के कई रास्ते भी बंद हो गए हैं। मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपेरशन जारी है।

17 साल बाद टूटा गंगा का रिकार्ड
उत्तराखंड में ठीक सत्रह साल पहले भी अक्टूबर के महीने में गंगा ने खतरे का निशान पार किया था। सिंचाई विभाग के पूर्व एचओडी इंजीनियर डीपी जुगरान बताते हैं कि यह घटना 19 और 20 अक्टूबर 2003 की है। जुगरान उस दौरान ऋषिकेश बैराज पर अधिशासी अभियंता के रूप में तैनात थे। दीवाली की छुट्टी पर वो अपने घर श्रीनगर जाने की तैयारी कर रहे थे। दीवाली 25 अक्टूबर की थी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि अक्टूबर में बारिश होगी। पर, 18-19 अक्टूबर को बारिश शुरू हुई और कुछ ही समय बाद उसने भयावह रूप ले लिया। नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। जुगरान बताते हैं कि नदियों में इतना पानी बढ़ गया था कि बैराज को संभालना भारी पड़ गया। बैराज के फाटक भी खतरे में आ गए थे। अत्यधिक पानी होने की वजह से बैराज से डिस्चार्ज करना पड़ा। उस वर्ष भी अक्टूबर के महीने में गंगा खतरे के निशान के पार चली गई थी।

इसके अलावा दक्षिणी भारतीय राज्य केरल में भारी बारिश के कारण आइ बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 35 लोग मारे गए हैं और अधिकारियों का मानना है कि मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। सेना और नौसेना के बचाव अभियान पिछले दिनों तक जारी रहे। बीते दिनों तक हजारों लोग तटीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों में फंसे हुए बताए गए थे, जबकि कई लापता बताए गए थे।

केरल के 11 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट
IMD का अनुमान है कि केरल के कई हिस्सों में 20 अक्टूबर से शुरू होने वाली बारिश तीन दिनों तक जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने तिरुवनंतपुरम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर समेत राज्य के 11 जिलों में आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कासरगोड, अलाप्पुझा और कोल्लम में यलो अलर्ट जारी है। विभाग की ओर से 21 अक्टूबर को कन्नूर और कासरगोड को छोड़कर सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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