गुरुग्राम। गुरुग्राम में अस्पताल बनाने के नाम पर यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का लोन लेकर गबन करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गाजियाबाद के एक युवक समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमे एक कंपनी के दो निदेशक और गबन के लिए बनाई गई एक फर्जी कंपनी का मालिक शामिल है।
वर्ष 2020 में नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड (एनएचआरसी) के उपाध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक राजीव कुमार शर्मा ने शाखा में मेसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों यतीश वहाल, सतीश कुमार नरूला और अन्य के खिलाफ शिकायत दी। जिसके मुताबिक वह कंपनी के 6.3 फीसदी शेयर धारक है। कंपनी को पहले ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। कंपनी को गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने और चलाने के लिए के लिए अधिकृत किया गया था।
शिकायतकर्ता के पास 49 फीसदी शेयर थे जबकि शेष 51 फीसदी अन्य दो निदेशकों के पास थी। शिकायतकर्ता को उनकी सेवाओं के लिए पेशेवर शुल्क के रूप में प्रति माह 30 लाख रुपये देने का करार किया गया था। आरोप है कि कंपनी ने गुडग़ांव अस्पताल के विकास के लिए यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का ऋण लिया। लेकिन इस पैसे का कथित व्यक्तियों ने दुरुपयोग किया। शिकायतकर्ता को उसकी 15.28 करोड़ रुपये की फीस का भुगतान नहीं किया गया और उसकी हिस्सेदारी को 49 से घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया गया।
आर्थिक अपराध शाखा मुताबिक आरोपियों की पहचान इंदिरापुरम, गाजियाबाद निवासी यतीश वहाल और अलकनंदा दिल्ली निवासी सतीश नरूला के रूप में हुई है, जबकि फर्जी कंपनी के मालिक की पहचान सेक्टर 12 गुरुग्राम निवासी राहुल सिंह यादव है।
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