यूपी के मदरसों बनेंगे आधुनिक, अब गणित, विज्ञान और नागरिक शास्त्र की भी होगी पढ़ाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों में गणित, विज्ञान, इतिहास और नागरिक शास्त्र अब अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाएंगे। मदरसा बोर्ड की मंगलवार को बैठक में मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए इन विषयों को ऐच्छिक से हटाकर अब अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। अभी तक सिर्फ उर्दू, हिंदी व अंग्रेजी ही अनिवार्य विषय होते थे। आगामी शैक्षिक सत्र से इसे लागू किया जाएगा।

नवगठित उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की मंगलवार को हुई पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में तय किया गया कि तहतानिया (प्राइमरी), फौकानिया (जूनियर हाईस्कूल), मुंशी/मौलवी (हाईस्कूल) एवं आलिम (इंटरमीडिएट) में भारत का इतिहास, नागरिक शास्त्र, प्रारंभिक विज्ञान व प्रारंभिक गणित विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। कक्षा एक से 12 तक की सभी कक्षाओं में इन विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है।

मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसों में दीनी शिक्षा के साथ अब आधुनिक शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।

मदरसा में बहुत सारे काम ऑनलाइन होंगे। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड के अभिलेखों के डिजिटाईजेशन व पासपोर्ट सत्यापन आदि कार्य के लिए आईटी सेल का गठन करने का निर्णय भी बोर्ड की बैठक में लिया गया है। बोर्ड की पाठ्यक्रम समिति, मान्यता समिति, परीक्षा समिति, परीक्षाफल समिति और वित्त समिति का गठन भी जल्द कर दिया जाएगा। इससे मदरसा बोर्ड भी अपने कार्यों की निगरानी ठीक ढंग से कर सकेगा। इससे भविष्य में ई-ऑफिस की भी राह खुलेगी।

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