गाजियाबाद। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन में हिंडन वायुसेना स्टेशन से महज छह किलोमीटर दूर गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में अवैज्ञानिक तरीके से ठोस कचरा फेंकने के खिलाफ दाखिल याचिका पर एक समिति का गठन किया है और रिपोर्ट मांगी है।
एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेरठ संभाग के आयुक्त, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गाजियाबाद नगर निगम और गाजियाबाद के जिलाधिकारी को शामिल करते हुए एक समिति गठित की है। समिति को तथ्यात्मक स्थिति का सत्यापन करने, सुधारात्मक कार्रवाई करने और की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। पीठ ने कहा, “बैठक की अध्यक्षता मेरठ संभाग के आयुक्त द्वारा की जाएगी, जिसे दो सप्ताह के भीतर आयोजित किया जा सकता है और उसके बाद दो महीने के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई की जा सकती है।”
इसने कहा, “संयुक्त समिति हवाई अड्डे के संबंधित अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ भी बातचीत कर सकती है। संयुक्त समिति यह सुनिश्चित कर सकती है कि गाजियाबाद शहर में कचरा प्रबंधन की कोई योजना है या नहीं।”
इसने सात अक्टूबर के अपने आदेश में कहा कि इसकी भी जांच की जा सकती है कि क्या दिन-प्रतिदिन के कचरे को संसाधित करने के लिए आवश्यक प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया गया है।अधिकरण ने समिति को यह पता लगाने का भी निर्देश दिया कि क्या शक्ति खंड में मौजूदा ठोस अपशिष्ट स्थल से निपटा गया है। अधिकरण ने कहा कि अपशिष्ट उत्पादन, संसाधित अपशिष्ट, ऐसे स्थलों की संख्या, नियमित तौर पर जमा कचरा, निरंतर आधार पर जोड़ा गया ठोस अपशिष्ट और आर्थिक निधि सहित सुधारात्मक कार्रवाई की जानकारी और निगरानी तंत्र का पता लगाया जाए।
अधिकरण ने समिति को ई-मेल द्वारा तीन महीने के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया और मामले को आठ फरवरी, 2022 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
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