गाजियाबाद। गाजियाबाद में नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। फैक्ट्री से देर रात दो सगे भाइयों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा नकली सीमेंट के 370 कट्टे, 150 कट्टे राख मिट्टी, मशीनी उपकरण व ट्रैक्टर-ट्रॉली बरामद की गई है। आरोपियों के 3 साथी फरार हैं।
मसूरी थाना क्षेत्र में नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री का पुलिस ने खुलासा किया है। यह फैक्ट्री अलनफीस फैक्ट्री के पास भूड़गढ़ी में चोरी-चुपके संचालित हो रही थी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने वहां छापा मारा। एएसपी सदर आकाश पटेल ने बताया कि लालकुआं निवासी जयंती प्रसाद व उसका भाई विनोद गिरी और बिसरख निवासी अनिल कुमार को गिरफ्तार किया है। सैन विहार निवासी हरिराज उर्फ मोनी, अनिल का भाई सुनील और ट्रैक्टर चालक की पुलिस तलाश कर रही है।
एएसपी ने बताया कि जमा हुआ, बोरी फटने व कई अन्य कारणों से रिजेक्ट हुआ सीमेंट को कंपनियों द्वारा रेलवे स्टेशन से ही बेच दिया जाता है। एनटीपीसी भी अपनी राख बेचता है। यह गिरोह जमे हुए सीमेंट को पीसता है और बाकी रिजेक्ट सीमेंट में राख मिलाकर नकली सीमेंट बनाता है।
आरोपी एक तिहाई सीमेंट में दो तिहाई राख मिलाते हैं। सीमेंट बनाने वाली नामी कंपनियों के हूबहू बोरी छपवाकर इनमें सीमेंट भरकर बेच देते हैं। रिजेक्ट सीमेंट कंपनियां एक चौथाई दाम में बेच देती हैं, जबकि राख भी काफी कम कीमत में मिलती है। एक तिहाई सीमेंट में दो तिहाई हिस्सा राख का मिलाकर बनाते हैं। तैयार सीमेंट बाजार मूल्य से करीब 25 फीसद कम रेट पर बेचते हैं।
एसपी ग्रामीण ने बताया कि नकली सीमेंट फैक्टरी का संचालक विजयनगर बागू निवासी मोनी है। उसने 12 सितंबर को ही फैक्टरी शुरू की थी। उसकी तलाश की जा रही है। नकली सीमेंट को वही सप्लाई करता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद स्पष्ट हो सकेगा कि नकली सीमेंट की सप्लाई वह कहां बेचा करता था।
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