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गाजियाबाद। फास्ट ट्रैक कोर्ट- एक के न्यायाधीश जयवीर सिंह नागर की अदालत ने एक महिला से दुष्कर्म के मामले में बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत एएसआइ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 42 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इनमें से 21 हजार रुपये महिला को देने होंगे।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदेश त्यागी ने बताया कि दिल्ली के शाहदरा थानाक्षेत्र में रहने वाली एक महिला का 2008 में पति और देवर से झगड़ा हो गया था। जिसकी शिकायत उसने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर दी थी, उस वक्त दिल्ली पुलिस में तैनात एएसआइ प्रीतम सिंह मामले की जांच के लिए महिला के घर पहुंचा। आरोप था कि प्रीतम सिंह ने महिला के पति और देवर से साठगांठ कर ली और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय महिला के खिलाफ ही केस झगड़ा और मारपीट करने का केस दर्ज करवा दिया।
सात दिन बाद इस मामले की जांच के लिए वह महिला के घर पहुंचा और पिस्टल के बल पर उससे दुष्कर्म किया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। महिला ने मामले की शिकायत की लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। उल्टा एएसआइ प्रीतम सिंह महिला के घर जाकर उसका यौन शोषण करता रहा। परेशान होकर महिला ने दिल्ली से पलायन कर गाजियाबाद के कविनगर (वर्तमान में मधुबन बापूधाम) थानाक्षेत्र में रहने लगी।
12 अप्रैल 2014 को प्रीतम सिंह महिला को ढूंढते हुए उसके घर पहुंचा और यहां उससे दुष्कर्म किया। इस मामले की शिकायत उस वक्त कविनगर थाने में की गई, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दिल्ली के मानसरोवर पार्क निवासी सेवानिवृत एएसआइ प्रीतम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामले की सुनवाई और एफटीसी-एक की कोर्ट में हुई और सात साल बाद सजा सुनाई गई।
साभार : दैनिक जागरण।
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