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Noida Money Scam News पहले पति से धोखा मिलने पर मीनू सेन नाम की महिला ने दूसरे पति अनिल संग मिलकर 150 करोड़ की ठग कंपनी खड़ी कर दी। उसका नाम गो वे रखा गया। बाइक बोट की तर्ज पर निवेशकों को रकम दो गुना वापस करने का झांसा दिया।
नई दिल्ली/नोएडा । दिल्ली-एनसीआर के 17 हजार लोगों से बाइक चलवाने के नाम पर ठगी करने वाले दंपती के जीवन की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। कानून का शिकंजा कसते ही दंपती ने जेल में पहले दिन खाना नहीं खाया। पहले पति से धोखा मिलने पर मीनू सेन ने दूसरे पति अनिल के साथ मिलकर 150 करोड़ की ठग कंपनी खड़ी कर दी। उसका नाम गो वे रखा गया।
बाइक बोट की तर्ज पर निवेशकों को एक साल में निवेश रकम दो गुना वापस करने का झांसा दिया गया। हैरानी की बात यह है कि मीनू के प्रेम जाल में फंसे अनिल ने अपने बच्चों को नकार दिया और सौतेले बेटे कृणाल के नाम करोड़ो की प्रापर्टी कर दी। ठगी की रकम से सौतेले बेटे के लिए महंगी कार तक खरीदी। कृणाल मीनू का पहले पति से बेटा है।
एडिशनल डीसीपी विशाल पांडेय ने बताया कि अनिल पूर्व में फैक्टरी में नौकरी करता था। वह मध्यम परिवार से था। उसकी मुलाकात वहां मीनू से हुई। इसी बीच मीनू का पहले पति से अलगाव हो गया। अनिल व मीनू की प्रेम कहानी शुरू हुई और दोनों ने शादी कर ली। मीनू ने ही बेटे के साथ मिलकर अनिल को ठग कंपनी सेटअप करने का आइडिया दिया।
महज एक साल के अंदर दिल्ली-एनसीआर के 17 हजार निवेशकों को जाल में फंसा लिया गया। एच्छर चौकी प्रभारी शैलेंद्र तोमर ने बताया कि केस में आरोपित मीनू का बेटा कृणाल ठगी के दौरान गो वे कंपनी के आफिस में बैठता था। वह भी निवेशकों को रकम निवेश करने का झांसा देता था। कृणाल के अलावा पुलिस इस मामले में प्रबंधक प्रदीप की तलाश भी कर रही है।
लोनी के एक गांव से तय किया विला तक का सफर
अनिल लोनी के सीती गांव का रहने वाला है। चार साल पहले तक वह गांव के मकान में रहता था। ठग कंपनी शुरू करने के बाद उसने दूसरी पत्नी की फरमाइश पर करीब ढाई करोड़ का विला गुरुग्राम में खरीदा था। वहीं इलेक्ट्रानिक स्कूटर बनाने की फैक्टरी भी सेटअप की।
यह है मामला
साइट फोर स्थित जीएनएस प्लाजा में वर्ष 2018 में गो वे कंपनी शुरू की गई। निवेशकों का झांसा दिया गया कि कंपनी बाइक चलवाएगी और एक साल में निवेश रकम का दोगुना वापस करेगी। प्रत्येक बाइक में 62 हजार रुपये निवेश कराए गए। निवेशकों ने कई बाइकों के नाम पर कंपनी में निवेश कर दिया। कंपनी मालिक अनिल व मीनू सेन 2019 में फरार हो गए। आरोपितों के खिलाफ बीटा दो कोतवाली में 16 मुकदमे दर्ज किए गए। दो साल बाद रविवार को पुलिस ने आरोपित दंपती अनिल व मीनू को गिरफ्तार किया। दोनों वर्तमान में जेल में बंद है।
तीन साल छोटा है अनिल
पुलिस ने बताया कि मीनू की उम्र 42 वर्ष है, जबकि अनिल 39 साल का है। दोनों के बीच शुरू हुआ प्यार ठग कंपनी में बदल गया। अनिल मीनू के प्रेम में ऐसा अंधा हो गया कि उसने अपनी पहली पत्नी को गांव में छोड़ रखा है। साभार-दैनिक जागरण
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