गोरखपुर। विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म (1366.33 मीटर) पर पहुंचने वाले यात्रियों को अब अपनी आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए स्टेशन से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्लेटफार्म पर कदम पड़ते ही लगभग सभी जरूरतें सामने होंगी। होटल में ठहराना हो या परिवार के साथ बैठक नाश्ता और खाना। खरीदारी हो या स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेना हो। गोरखपुर जंक्शन परिसर में ही सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। रेल मंत्रालय की पहल पर रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर सहित गोंडा और छपरा स्टेशन का एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पीपीपी माडल पर होगा समग्र विकास

आरएलडीए ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी माडल) के आधार पर स्टेशनों के समग्र विकास की योजना पर कार्य करना शुरू कर दी है। रेलवे प्रशासन के सहयोग से स्टेशन परिसर, खाली भूमि, बनकर व गुजरने वाली ट्रेनों और आवागमन करने वाले यात्रियों के संख्या की समीक्षा की जाएगी। उनकी जरूरतों की पड़ताल के बाद विकास का खाका तैयार होगा। पीपीपी माडल से तैयार स्टेशन न सिर्फ विश्वस्तरीय दिखेगा बल्कि सुविधाएं भी उच्चस्तरीय होंगी। स्टेशन के गेट क्षेत्र की धार्मिकता, आध्यात्मिकता और पहचान का अहसास कराएंगे। मुख्य द्वार का ऐसा निर्माण होगा कि प्रवेश करते ही पूर्वांचल के माटी की खुशबू यात्रा से पहले ही मन मस्तिष्क को तरोताजा कर देगी। स्टेशन परिसर में ही ठहरने के होटल, माल, खानपान के लिए रेस्टोरेंट और मनोरंजन से संबंधित संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

गोरखपुर सहित गोंडा और छपरा स्टेशन को भी विश्वस्तरीय बनाएगा रेल भूमि विकास प्राधिकरण

परिसर में ही स्वास्थ्य सेवाएं भी मिल जाएंगी। यात्रियों को महसूस ही नहीं होगा कि वे रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं। वेटिंग हाल में बैठकर ट्रेनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मनोरंजन और खरीदारी के बाद निर्धारित समय पर अपनी ट्रेन भी पकड़ लेंगे। दरअसल, रेल मंत्रालय ने स्टेशनों के पुनर्विकास योजना के तहत आरएलडीए को भारतीय रेलवे के 49 स्टेशनों के पुन: विकास की जिम्मेदारी सौंपी है। आरएलडीए के चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा के अनुसार इन स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जल्द ही रिक्वेस्ट फार क्वालीफिकेशन (आरएफक्यू) जारी किया जाएगा।

रामगढ़ताल कालोनी, असुरन चौराहा व दुर्गाबाड़ी का भी होगा विकास

आरएलडीए ने गोरखपुर शहर के विकास की भी तैयारी शुरू कर दी है। रामगढ़ताल कालोनी, असुरन चौराहा और दुर्गाबाड़ी आरपीएफ बैरक तथा धर्मशाला बाजार स्थित भूमि का भी कामर्शियल उपयोग होगा। इन स्थलों पर माल व अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। इसके लिए भूमि भी चिन्हित कर ली गई है।

स्टेशनों के पुनर्विकास योजना के अंतर्गत गोरखपुर, गोंडा एवं छपरा रेलवे स्टेशनों के विकास का कार्य रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण को दिया गया है। इसके अंतर्गत इन स्टेशनों पर शापिंग कांप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट आदि बनाए जाएंगे। इससे रेलवे उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं को सभी आधुनिक सुविधाएं स्टेशनों पर ही मिल जाएंगी। – पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।साभार-दैनिक जागरण

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