तलाक से पहले ही पत्नी ने डाला मेट्रोमोनियल साइट पर प्रोफाइल, HC ने पति को दे दी डाइवोर्स की इजाजत

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जस्टिस एएस चंदूकर और जीए स्नैप की डिविजन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर प्रोफाइल अपलोड करने का साफ मतलब है कि महिमा अपने पति से तलाक लेने के बारे में सोच चुकी है. यहां तक कि परिवार के तय करने से पहले ही वह दूसरी शादी को भी तय कर चुकी है.

नागपुर: नागपुर, बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) की नागपुर बेंच ने औरंगाबाद के एक शख्स को उसकी पत्नी से तलाक की इजाजत दे दी. दरअसल, शख्स की पत्नी ने पति से तलाक से पहले ही दो मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर अपनी दूसरी शादी के लिए अपना प्रोफाइल अपलोड कर दिया था जबकि अकोला की एक फैमिली अदालत में दोनों के बीच तलाक की प्रक्रिया अभी चल ही रही थी. अपने प्रोफाइल में महिला ने लिखा था ‘तलाक के फैसले का इंतजार’.

जस्टिस एएस चंदूकर और जीए स्नैप की डिविजन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर प्रोफाइल अपलोड करने का साफ मतलब है कि महिमा अपने पति से तलाक लेने के बारे में सोच चुकी है. यहां तक कि परिवार के तय करने से पहले ही वह दूसरी शादी को भी तय कर चुकी है.

अदालत ने कहा कि प्रतिवादी (पत्नी) ने दो शादी की वेबसाइट पर फोटो अपलोड करके पूरी तरह से तलाक लेने का मन बना लिया है. मौजूद दस्तावेज से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह पती से छुटकारा पाकर दूसरी शादी करना चाहती है.

जानकारी के अनुसार जोड़े ने 2014 में शादी की थी. शादी के बाद दोनों पंजिम में रहने लगे थे. लेकिन कुछ दिनों बाद महिला शिकायत करने लगी कि वह पंजिम में अच्छा महसू नहीं कर रही है. महिला पति पर नौकरी छोड़ने और अकोला में शिफ्ट होने का दबाव बनाने लगी. पति ने पत्नी की इस बात से इनकार कर दिया तो दोनों के बीच में अनबन शुरू हो गई. शादी के लगभग नौ महीने बाद एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए महिला ने पंजिम छोड़ दिया. कुछ दिन बाद उनसे अपना सारा निजी सामान भी अपने पास रख लिया. इसके बाद मजबूरी में पति को तलाक के लिए पारिवारिक अदालत में अपील करना पड़ा.

7 दिसंबर 2020 को पारिवारिक अदालत ने पति की याचिका को खारिज कर दिया लेकिन उसे कानूनी तौर पर अलग रहने की मंजूरी मिल गई. इसके बाद पति ने तलाक के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया जिसके बाद उसे शुक्रवार को कोर्ट की तरफ से तलाक की मंजूरी मिल गई.  महिला ने कोर्ट में आरोप लगाया था कि उससे दहेज की मांग की गई और दहेज न देने पर उसे ससुराल में प्रताड़ित किया गया. कोर्ट ने महिला के इस दावे पर विश्वास करने से इनकार कर दिया. साभार- न्यूज़18

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