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काबुल पर कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान में शांति को लेकर सभी उम्मीदें अब धूमिल होती दिखाई दे रही हैं। वहां पर मौजूद कई दूतावास धीरे-धीरे खाली हो रहे हैं। भारत की भी चिंता इसको लेकर बढ़ गई है।
नई दिल्ली/काबुल । अफगानिस्तान को लेकर जो आशंका वैश्विक मंच पर विभिन्न देशों द्वारा जताई जा रही अब वो हकीकत में बदल गई है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और वहां पर स्थित राष्ट्रपति निवास पर कब्जे के बाद अब यहां की सत्ता पर काबिज होना बहद महज औपचारिकता ही रह गई है। रविवार को जिस तरह से राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर अचानक तजाखिस्तान चले गए उससे ये साफ हो गया था कि तालिबान सत्ता पाने से कुछ कदम दूर रह गया है।
तालिबान के तेजी से बढ़ते कदमों को देखते हुए कुछ दिन पहले ही भारत ने वहां पर मौजूद अपने करीब 1500 नागरिकों को स्वेदश वापस आने को लेकर अलर्ट जारी किया था। 12 अगस्त को जारी की गई एडवाइजरी में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए दूतावास अधिकारियों के मोबाइल नंबर, जो कि इस प्रकार हैं 93706131611 और 93705127863 हैं, जारी किए हैं। इसके अलावा कंधार स्थित काउंसलेट जनरल आफ इंडिया के नंबर 93703750087 पर भी संपर्क किया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले माह ही काबुल स्थित दूतावास से करीब 50-60 कर्मियों को वापस निकाल लिया था।
इस बीच अमेरिका और भारत समेत करीब दो दर्जन देशों ने इसकी घोषणा कर दी है कि वो तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान के विकास पर करोड़ों डालर का निवेश किया हुआ है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद इस निवेश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच तालिबान ने ये भी साफ कर दिया है कि वो अफगान सरकार से बिना शर्त आत्मसमर्पण चाहता है। इसके साथ ही तालिबान ने युद्ध खत्म करने की घोषणा कर दी है। पूरी दुनिया में तालिबान के इस तरह से सत्ता हथियाने का जबरदस्त विरोध हो रहा है।
तालिबान के काबुल पहुंचने के बाद सबसे बड़ी चिंता वहां पर मौजूद विदेशियों को लेकर है जो वहां पर स्थित विभिन्न दूतावासों में काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में मौजूद भारतीयों को लेकर रविवार को एक एयर इंडिया का विमान 129 लोगों को स्वदेश लेकर लौटा है। भारत सरकार लगातार स्थिति पर निगाह रखे हैं।
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहेल शाहीन ने भारत को चेतावनी दी है कि वो अफगानिस्तान में सैन्य अभियान चलाने की गलती न करे। ये उसको महंगा सौदा साबित हो सकता है। हालांंकि तालिबान ने काबुल स्थित दूतावासों और वहां के कर्मियों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त भी किया है। तालिबान का कहना है कि दूतावास कर्मियों की जिंदगी को कोई खतरा नहीं है। अमेरिका को लेकर भी तालिबान ने कहा है कि वो वहां से सुरक्षित निकल जाएंगे।तालिबान ने अफगानिस्तान में भारत द्वारा किए गए विकास कार्यों की तारीफ भी की है। साभार-दैनिक जागरण
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