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जूही चावला ने कुछ वक्त पहले 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने कहा था इससे निकलने वाली रेडिएशन का जीव जन्तु वनस्पति और लोगों पर क्या असर पड़ेगा इसका अध्धयन किया जाए।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला ने कुछ वक्त पहले 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने कहा था इससे निकलने वाली रेडिएशन का जीव जन्तु, वनस्पति और लोगों पर क्या असर पड़ेगा इसका अध्धयन किया जाए। जूही की इस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए खारिज कर दिया था और एक्ट्रेस पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। इसके बाद एक्ट्रेस ने कुछ दिन पहले अपनी याचिका भी वापस ले ली। हालांकि इस पूरे मामले पर जूही अब तक खामोश रहीं, लेकिन अब उन्होंने चुप्पी तोड़ी है।
जूही ने अपने इंस्टग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने सबूत के साथ बताया है कि उन्होंने 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी के खिलाफ क्यों याचिका दायर की थी। एक्ट्रेस ने ये भी कहा कि हमें सिर्फ सरकार की तरफ से एक सर्टिफिकेट चाहिए था कि वो ये बता दें कि इस टेक्नोलॉजी से लोगों को, बच्चों को, बूढ़ों को पक्षियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। एक्ट्रेस ने कहा, ‘2019 में हमने RTI (Right To Information) के तहत कुछ लेटर भेजे थे। हमने अपने लेटर में इस बात का जवाब मांगा था कि इन नेटवर्क से निकलने वाली रेडिएशन का क्या प्रभाव पड़ता है। जिसके बाद हमें ICMR (Indian Council of Medical Research) से जवाब मिला। फिर हमने यही सवाल SERB (Science and Engineering Research Board) और हमें वहां से भी जवाब मिला। हमने जो सवाल दिल्ली में उठाए उनके जवाब हमारे हाथ थे’।
2010 में एक दिन हम अपनी बालकनी में खड़े हुए थे तो हमने देखा कि हमारे घर के सामने करीब 14 टावर लगे हुए हैं उस वक्त हमें इनके बारे में जानकारी हीं थी। फिर एक दिन हमने एक मैग्जीन में रेडिएशन के बारे में एक स्टडी देखी। मैं ये पढ़कर थोड़ा डर गई, उसके बाद मैंने हैदराबाद की एक एंजेसी से इस बारे में संपर्क किया। उन्होंने अपने मीटर से मेरे घर पर उन टॉवर से आने वाले रेडिएशन को चेक किया जो की हाई थी। उन्होंने मुझे इस पर रिपोर्ट भी भेजी थी जिसमें साफ लिखा था कि ये रेडिएशन बहुत नुकसानदायक हैं। इनका असर इंसान के सोनी की क्षमता, याद्दाश्त, सिर दर्द जैसे की चीज़ों पर पड़ सकता है’।
इसके बाद में कुछ जानकार लोगों से मिली, और अपने पड़ोसी की मदद से मैंने RTI दाखिल की जिसमें सीधे सवाल की। फिर हम लोग इसके लिए दिल्ली गए और पार्लियामेंट्री स्टेंडिंग कमिटी के चेयरपर्सन श्री राव इंदरजीत सिंह जी से मिले और इस बारे में डिटेल में बात की। फिर हमने बॉम्बे हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की, तारीख पर तारीख मिलती रहीं लेकिन कई सालों तक कुछ नहीं हुआ। 2019 में तंग आकर हमने फिर से आरटीआई में पत्र लिखे और ये सब पूछा। 2020 में 5जी की न्यूज़ और आने लगी….अगर आपको मेरा यकीन नहीं है तो टेलीकॉम डिपार्टमेंट में अपने दोस्तों से पूछ लीजिए की 5जी कितनी खतरनाक है। इसमें रेडिएशन की सारी हदें पार हो जाएंगी। दुनिया का कोई कोना नहीं बचेगा जहां इस रेडिएशन की पहुंच नहीं होग। अगर हमने लोगों की सुरक्षा के लिए इसके खिलाफ आवाज़ उठाई तो क्या गलत किया?। साभार-दैनिक जागरण
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