मेट्रो त्रिलोकपुरी-मयूर विहार सेक्‍शन शुरू: पिंक लाइन पर कितने मिनट में मिलेगी ट्रेन, यहां है पूरा प्‍लान

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Pink Line Metro Train Operation: मयूर विहार पॉकेट-1 और त्रिलोकपुरी-संजय लेक स्टेशनों (दूरी लगभग 1.5 कि.मी.) के खंड के बीच ऑटोमेटिड सिग्‍नलिंग सिस्टम न होने के कारण ट्रेनें 25 कि.मी.प्र.घं. की अस्थायी प्रतिबंधित गति से चलेंगी क्योंकि सिग्‍नलिंग सिस्टम अभी लगाया जा रहा है.

नई दिल्‍ली. आज केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ने दिल्‍ली मेट्रो की पिंक लाइन (Delhi Metro Pink Line) के त्रिलोकपुरी-संजय लेक तथा मयूर विहार पॉकेट-1 मेट्रो स्टेशनों के बीच बने कनेक्टिंग लिंक का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. इस सेक्शन पर यात्री सेवाएं दोपहर तीन बजे से शुरू हो रही हैं.

इस कनेक्टिंग लिंग के चालू हो जाने से 59 कि.मी. लंबी पिंक लाइन दिल्ली के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों के महत्वपूर्ण बाजारों, अस्पतालों, ट्रांसपोर्ट हब और दक्षिणी व मध्य दिल्ली के प्रमुख आवासीय क्षेत्रों को जोड़ेगी. खास बात है कि इस सेक्शन के खुलने से 285 स्टेशनों के साथ (नोएडा ग्रेटर-नोएडा मेट्रो कॉरिडोर और रैपिड मेट्रो, गुरुग्राम सहित) दिल्ली मेट्रो नेटवर्क अब लगभग 390 कि.मी. लंबा हो जाएगा.

त्रिलोकपुरी संजय लेक-मयूर विहार पॉकेट-सेक्‍शन से यात्रियों को लाभ

पिंक लाइन के त्रिलोकपुरी-संजय लेक (Trilokpuri-Sanjay lake) और मयूर विहार पॉकेट-1 (Mayur Vihar Pocket-1) स्टेशनों के बीच इस मिसिंग लिंक पर 290 मीटर लंबे खंड पर कॉरिडोर बनाया गया है. इसके द्वारा महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट सेंटर जैसे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, सराय काले खां आईएसबीटी, आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आनंद विहार आईएसबीटी, दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन और प्रमुख बाजार जैसे दिल्ली हाट-आईएनए, सरोजनी नगर और लाजपत नगर को सीधे कनेक्टिविटी मिल सकेगी.

फेज-IV में इस कॉरिडोर को आगे मजलिस पार्क से मौजपुर (Maujpur) तक बढ़ाया जाएगा जिससे लगभग 70 कि.मी. लंबा यह कॉरिडोर भारत का सबसे लंबा सिंगल मेट्रो कॉरिडोर बन जाएगा. फेज-IV के पूरा होने के बाद पिंक लाइन देश में मेट्रो का एकमात्र रिंग कॉरिडोर भी बन जाएगी.

डीएमआरसी के मुताबिक इस खंड का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि महामारी के कारण लॉकडाउन लगने और मजदूरों के उपलब्ध ना होने जैसे मुद्दों के कारण काम बार-बार रोका गया. वहीं चलते रहने के बावजूद इस खंड पर सिविल निर्माण कार्य जारी रहा और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हुआ.

इसके साथ ही डीएमआरसी त्रिलोकपुरी वायाडक्ट के नीचे एक इंटरनल रोड भी विकसित कर रही है, जो वसुंधरा रोड और त्रिलोक पुरी रोड को आपस में जोड़ेगा. यह रोड 140 मीटर लंबा होगा.  इससे क्षेत्र में भीड़भाड़ कम होने में मदद मिलेगी और यातायात में भी सुधार होगा.

इसमें लगाए गए हैं कंक्रीट के बजाय स्‍टील गर्डर

काम में तेजी लाने और साइट के पास कास्टिंग यार्ड के लिए जगह उपलब्ध न होने के कारण पारंपरिक कंक्रीट गर्डरों के बजाय स्टील गर्डरों के इस्तेमाल से निर्माण का एक अनूठा तरीका अपनाया गया है. 10 स्पैनों पर कुल 40 गर्डर रखे गए हैं. स्टील गर्डरों को तैयार करके हरियाणा स्थित अंबाला की एक वर्कशॉप से लाया गया. इन गर्डरों की लंबाई 16 से लेकर 38 मीटर तक है. वायाडक्ट की ऊंचाई लगभग 8 से 9.5 मीटर तक है. 200 मीटर व्यास वाला एक घुमावदार स्पैन भी इस खंड का हिस्सा है. इस वजह से एक साल से भी कम के रिकॉर्ड समय में इसका निर्माण पूरा हो सका.

यह है पिंक लाइन पर मेट्रो ट्रेन संचालन का पूरा प्‍लान

मयूर विहार पॉकेट-1 से त्रिलोकपुरी-संजय लेक स्टेशनों के बीच वाले खंड की कनेक्टिविटी के बाद पूरी पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) पर इस ऑपरेशनल प्लान के तहत ट्रेन सेवाएं उपलब्ध होंगी.

मजलिस पार्क से सराय काले खाँ, निजामुद्दीन और शिव विहार से आईपी एक्सटेंशन सेक्शनों पर ट्रेन सेवाएं 5 मिनट 12 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी के साथ उपलब्ध होंगी, जिनमें पीक घंटों के दौरान 43 (स्टेंडबाई सहित) ट्रेनें भी शामिल होंगी.

. सराय काले खाँ निजामुद्दीन से आईपी एक्सटेंशन सेक्शन पर ट्रेन सेवाएं 10 मिनट 24 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी के साथ उपलब्ध होंगी जिनमें हर एक आल्टरनेट/दूसरी ट्रेन निजामुद्दीन से आईपी एक्सटेंशन की ओर तथा इसकी विपरीत दिशा में चलेंगी.

. मयूर विहार पॉकेट-1 और त्रिलोकपुरी-संजय लेक स्टेशनों (दूरी लगभग 1.5 कि.मी.) के खंड के बीच ऑटोमेटिड सिग्‍नलिंग सिस्टम न होने के कारण ट्रेनें 25 कि.मी.प्र.घं. की अस्थायी प्रतिबंधित गति से चलेंगी क्योंकि सिग्‍नलिंग सिस्टम अभी लगाया जा रहा है.

. इस खंड विशेष पर सिग्‍नलिंग सिस्टम स्थापित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि यह लाइन पहले से ही ऑपरेशनल है, इस सिस्टम के अगले दो माह में लगाए जाने की संभावना है. इसके बाद, इस खंड पर भी ट्रेनें नियमित गति से चलने लगेंगी और गति सीमा का प्रतिबंध हट जाएगा. साभार- न्यूज़18

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