चांदनी चौक के लोग इस बार पहले की तरह 15 अगस्त को नहीं कर पाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी का दीदार, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

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इस बार स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर लाल किले पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। पहली बार सुरक्षा व्यवस्था में कंटेनर का सहारा भी लिया जा रहा है। किले के मुख्य प्रवेश द्वार पर अवरोधक के रूप में कई मंजिला ऊंचे कंटेनर रखे गए हैं।

नई दिल्ली। इस बार स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर लाल किले पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। पहली बार सुरक्षा व्यवस्था में कंटेनर का सहारा भी लिया जा रहा है। किले के मुख्य प्रवेश द्वार पर अवरोधक के रूप में कई मंजिला ऊंचे कंटेनर रखे गए हैं। वैसे, तो राष्ट्रीय पर्व के आयोजन सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील रहते हैं, लेकिन इस बार यह इंतजाम कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हो रहे प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है।

दिल्ली की सीमा पर कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों में कुछ उपद्रवियों ने इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को लाल किले के भीतर घुसकर तोड़फोड़ व हिंसा की थी। इस दौरान यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल इस किले को काफी नुकसान पहुंचा था।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री लाल किले की जिस प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे, कंटेनरों की ऊंचाई उससे अधिक रखी गई है, साथ ही ड्रोन के सहारे हमला नहीं हो इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए गए हैं। तकरीबन पांच किमी के दायरे में कई चरणों की सुरक्षा व्यवस्था में भारी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात रहेंगे। आस-पास करीब एक किमी में स्थित इमारतों पर सुरक्षा में लगे जवान अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात रहते हैं। हालांकि, कंटेनर की आड़ के कारण प्रधानमंत्री को लाल किले के सामने स्थित ऐतिहासिक चांदनी चौक से पहले की तरह नहीं देखा जा सकेगा। इससे यहां के लोग मायूस हैं। साभार-दैनिक जागरण

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