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Delhi Meerut Expressway दिल्ली से मेरठ तक के सफर को आसान करने के लिए बने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से गुजरना अब खतरे से खाली नहीं है। सर्विस लेन के बाद अब हाईवे भी जगह-जगह से धंस गया है।
नई दिल्ली/गाजियाबाद। दिल्ली से मेरठ तक के सफर को आसान करने के लिए बने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से गुजरना अब खतरे से खाली नहीं है। सर्विस लेन के बाद अब हाईवे भी जगह-जगह से धंस गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के निर्माण में बरती गई लापरवाही व लगाई गई घटिया सामग्री की पोल पहले मानसून ने ही खोल दी है। दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे तक करीब छह किमी लंबे हिस्से का जायजा लिया तो दर्जनों जगह सड़क धंसी मिली। 20 से अधिक स्थानों पर सड़क में दरार आ चुकी है, तो 100 स्थानों पर डीएमई से बारिश का पानी निकालने के लिए बनाई गई नालियां भी जमीन धंसने से टूट गई हैं।
मरम्मत में भी लापरवाही
मानसून की पहली बारिश में ही कई स्थान पर डीएमई व एनएच-9 की सर्विस रोड धंस गई थी। निर्माण में चूक के बाद इसकी मरम्मत में भी लापरवाही बरती गई। मरम्मत वाले स्थान पर एक बार फिर सड़क में दरार आ चुकी है, जिन्हें छिपाने को ऊपर से पैबंद की भांति तारकोल लगा दिया है। दिल्ली से डासना तक के हिस्से तक डीएमई पर खामी नहीं हैं, लेकिन इसके आगे के हिस्से पर सड़क धंसना, दरार आना व पानी निकालने वाली नालियों के टूटने की समस्या हो रही है, क्योंकि यहां हाईवे बनाने के लिए जमीन पर भराव डाला गया है। इसमें बरती गई लापरवाही हर बार बारिश के साथ उजागर हो रही है।
मिट्टी गायब, बची सीमेंट की परत
पहली बारिश में साइड की मिट्टी धंसी तो कई स्थान पर सीमेंट की परत बिछा दी गई, लेकिन इस कारनामे का पर्दाफाश फिर से बारिश ने कर दिया। अब इन जगहों से मिट्टी कटकर गायब हो गई है और सीमेंट की परत ही बची है। एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने मरम्मत का काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन कई जगह सड़क का धंसा हुआ हिस्सा लावारिस पड़ा है। सिर्फ एक या दो ट्रैफिक कोन लगे हैं, मगर तीव्र मोड़ पर तेजी से आने वाले वाहन गड्ढे की चपेट में आ सकते हैं।
संभलकर गुजरें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर
अप्रैल, 2021 में डीएमई का निर्माण लगभग पूरा होने के बाद इसे वाहनों के लिए खोल दिया गया था। कैमरे शुरू नहीं होने और कई जगह पर निर्माण पूरा नहीं होने से हादसों की संख्या बढ़ गई थी। अब यह हाईवे जगह-जगह से धंस रहा है। ऐसे में डीएमई पर फर्राटा भरते समय सावधानी बरतें।
नहीं उठा फोन
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मुदित गर्ग ने मैसेज भेजने को कहा तो उन्हें पूरे मामले के बारे में एसएमएस और वाट्सएप के जरिए अवगत कराया गया, बावजूद इसके उनका जवाब नहीं मिला। साभार-दैनिक जागरण
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