लॉकडाउन में आर्ट एंड क्राफ्ट का बिजनेस बंद हुआ तो घर से ही बेकरी की शुरुआत की, अब हर महीने एक लाख रुपए कमा रही हैं

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पिछले कुछ सालों से आर्ट एंड क्राफ्ट मॉडल के जरिए एजुकेशन की डिमांड बढ़ी है। इसमें बच्चों को तस्वीरों और दीवारों पर की गई कलाकारी के माध्यम से पढ़ाया जाता है। दिल्ली की रहने वाली श्वेता जोशी ने साल 2015 में इसी तर्ज पर आर्ट वेंचर एजुक्राफ्ट लॉन्च किया। इसके जरिए वे बच्चों को अनोखे तरीके से पढ़ा रही थीं। कई स्कूलों से उन्होंने टाइअप भी कर लिया था। अच्छी खासी आमदनी भी हो रही थी, लेकिन इसी बीच कोरोना आ धमका। लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल-कॉलेज बंद हो गए। उनका अच्छा खासा वेंचर बंद हो गया।

हालांकि श्वेता ने हार मानने की बजाए कुछ नया करने का फैसला किया। उन्होंने अपने मॉडल को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डेवलप किया। वे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने लगीं। हालांकि इससे उन्हें कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला। ऑफलाइन की तरफ उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिल रही थी और बच्चे भी उतनी दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। कुछ महीने काम करने के बाद श्वेता ने यह काम भी बंद कर दिया।

इसके बाद उन्होंने अपने अंदर की क्रिएटिविटी को खंगाला। इस बात को लेकर मंथन शुरू कर दिया कि वे नया क्या कर सकती हैं। इसके बाद उन्होंने अपने घर वालों के लिए बेकरी फूड और फैंसी खाना बनाना शुरू किया। उसकी फोटोज अपने बाकी रिश्तेदारों को भी भेजी। श्वेता जहां रहती हैं वहां के ज्यादातर बेकरी की दुकानें लॉकडाउन की वजह से बंद हो चुकी थीं। इसको देखते हुए श्वेता के एक दोस्त ने उन्हें आइडिया दिया कि वे इसे प्रोफेशनल लेवल पर शुरू करें। श्वेता को भी यह आइडिया पसंद आया।

दिल्ली की रहने वाली श्वेता पहले बैंकर रह चुकी हैं। बेटे के जन्म के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर खुद का काम शुरू किया।

हर दिन 3 से 4 ऑडर्स मिल जाते हैं
45 साल की श्वेता बताती हैं कि मैंने घर से ही फैंसी फूड और बेकरी के आइटम्स तैयार करके लोगों को भेजना शुरू किया। शुरुआत आसपास के लोगों से की और जब रिस्पॉन्स बढ़िया मिलने लगा तो दायरा बढ़ा दिया। हम वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए लोगों से ऑर्डर लेने लगे। धीरे-धीरे ऑर्डर्स की संख्या बढ़ती गई। जो एक बार उनका कस्टमर बना वह रेगुलर उनसे प्रोडक्ट खरीदने लगा। श्वेता के बेटे ने उनके इस स्टार्टअप को क्वारैंटाइन बेकर्स का नाम दिया।

श्वेता ब्रेड, केक और पाइज बनाती हैं। जिसकी डिमांड बर्थडे पार्टियों में बहुत ज्यादा रहती है। उन्हें हर दिन 3 से 4 ऑडर्स मिलते हैं। यानी उन्हें हर महीने 120 ऑडर्स आसानी से मिल जाते हैं। इससे हर महीने करीब एक लाख रुपए की कमाई वे कर लेती हैं। फिलहाल वे दिल्ली, नोएडा और उसके आसपास के इलाकों में सर्विस प्रोवाइड करती हैं। कई लोग खुद ही उनके पास प्रोडक्ट के लिए आते हैं। दूर से ऑर्डर मिलने पर श्वेता डिलीवरी ब्वॉय की मदद से बेकरी प्रोडक्ट कस्टमर तक पहुंचाती हैं।

लॉकडाउन में शुरू किया ये स्टार्टअप आज फल-फूल चुका है। श्वेता की कहानी उन सभी औरतों के लिए प्रेरणा है जो फैमिली प्लानिंग की वजह से अपने करियर से समझौता कर लेती हैं। श्वेता ने भी यही किया, पर कुछ समय के बाद उन्होंने अपने करियर को एक नई दिशा देते हुए बेकरी से दोबारा शुरुआत की। जल्द ही वे अपने इस बिजनेस को और आगे बढ़ाने वाली हैं।

फिलहाल श्वेता दिल्ली, नोएडा और उसके आसपास के इलाकों में अपनी बेकरी की सर्विस प्रोवाइड करती हैं।

आप कैसे कर सकते हैं बेकरी के बिजनेस की शुरुआत?
तो अगर आप भी खाना बनाने के शौकीन हैं और बेहद कम निवेश के साथ अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो होम बेकरी बिजनेस एक अच्छा विकल्प (Home Bakery) है। इसमें निवेश बहुत कम है और घर के जरूरी काम करने के साथ ही इस कारोबार को आगे बढ़ाया जा सकता है।

होम बेकरी बिजनेस की शुरुआत आप प्रयोग के तौर पर कर सकते हैं। हालांकि कारोबार बढ़ने के साथ ही फूड डिपार्टमेंट और टैक्स डिपार्टमेंट की जरूरी मंजूरियां आपको लेनी होंगी। कारोबार के लिए आपको अपने किचन में जरूरी मॉडिफिकेशन करवाने पड़ सकते हैं। बेकरी के लिए आपको मशीन की भी जरूरत होगी।

  • इलेक्ट्रॉनिक बेकरी ओवेन- इस मशीन का उपयोग ब्रेड, रस्क, बिस्कुट आदि बनाने में किया जाता है।
  • मिक्सर मशीन- कोई भी बेकरी प्रोडक्ट्स बनाने में बहुत सारे रॉ मटीरियल्स को आपस में मिलाकर गूंथना होता है जिसके लिए एक मिक्सर की जरूरत पड़ती है।
  • ड्रोपिंग मशीन (डाई)- इस मशीन का प्रयोग विभिन्न आकार के बिस्कुट बनाने में किया जाता है।
  • ब्रेड कटिंग मशीन- यह मशीन ब्रेड को एक आकार में काटने में काम आती है।

आजकल बड़े शहरों के साथ ही छोटे शहरों में भी केक की भरपूर डिमांड है। हर छोटे बड़े इवेंट्स में इसकी जरूरत होती है।

बेहतर बिजनेस के लिए इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है
अपना बिजनेस आगे बढ़ाने के लिए आप पहले अपना प्लान बनाइए और पता कीजिए कि आपके आसपास किस तरह की डिमांड है। कॉस्ट एनालिसिस भी बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे पहले शायद आपने घर में खाना बनाते समय उसकी लागत के बारे में नहीं सोचा होगा। आपको पता होना चाहिए कि आप अपना प्रोडक्ट किसे बेचेंगे? ये आपके मिलने वाले और दोस्त हो सकते हैं या फिर आसपास की कम्युनिटी। इसके अलावा आप कैसे लोगों को टारगेट कर रहे हैं… युवाओं को या बुजुर्गों को, क्योंकि दोनों की खाने की पसंद अलग होती हैं।

आपकी बनाई बेकरी ग्राहकों तक कैसे पहुंचेगी, इसका पूरा मॉडल तैयार कीजिए। कुछ लोकल स्टोर को भी अपने प्रोडक्ट रखने के लिए राजी कर सकते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी आपको करना चाहिए। ग्राहकों की संतुष्टि का पूरा ध्यान रखिए और उनका फीडबैक लेते रहना होगा। साइनबोर्ड, बैनर और न्यूजपेपर पंपलेट के जरिए उत्पादों का विज्ञापन भी कारोबार को बढ़ाने में मददगार बन सकता है। साभार-दैनिक भास्कर

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