कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी, केंद्र ने दायर किया हलफनामा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा की अनुमति दी है लेकिन उत्तराखंड सरकार ने नहीं इसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में आज हलफनामा दायर किया गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। हर साल सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की जा रही है। केंद्र  की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि राज्य सरकारों द्वारा श्रद्धालुओं के बीच कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ गंगा जल के वितरण को भी उचित तरीके से सुनिश्चित कराया जाएगा। साथ ही गंगा जल के लिए एक निश्चित स्थान होगा जहां से लेकर करीब के शिवमंदिरों में श्रद्धालु चढ़ाएंगे। केंद्र ने कहा, ‘हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक ले जाना कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उचित नहीं है इसलिए टैंकर के ज़रिए गंगाजल को जगह-जगह उपलब्ध करवाया जाए।’

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है।  उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद कर दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी एहतियात बरतते हुए इस यात्रा की अनुमति दे दी है।योगी के इस आदेश पर हैरानी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है

जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन और बीआर गवई की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार के अलग-अलग फैसलों से लोगों के बीच भ्रम की बात कही थी। कोर्ट ने कहा था कि लोग पूरी तरह भ्रमित हैं। उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर हो क्या रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस यात्रा के लिए की गई तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट में दिया जाना है। राज्य में 25 जुलाई से प्रस्तावित कांवड़ यात्रा के लिए कोरोना प्रोटोकाल के साथ पूरी तैयारी हो चुकी है। इसके तहत प्रत्येक श्रद्धालु को अपने साथ RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट रखना होगा। वे शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ा सकते हैं लेकिन शारीरिक दूरी समेत तमाम कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए।

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