दिल तो अभी जवान है:वड़ोदरा के एक बुजुर्ग कपल ने बुलेट पर की इंडिया की सैर, उसने कहा कि मेरी उम्र अभी सिर्फ 67 साल है, मैं बूढ़े इंसान की तरह मरना नहीं चाहता

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ऐसे कई लोग हैं जो नई जगह घूमना चाहते हैं और सारी दुनिया की सैर करने का सपना भी देखते हैं। लेकिन ऐसे लोगो के सपने हमेशा सच हों, ये जरूरी नहीं होता। वड़ोदरा के एक बुजुर्ग ने अपनी पत्नी के साथ बुलेट और साइड कार के माध्यम ये कैसे इस सपने को सच कर दिखाया, इस बारे में सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट के जरिये बताया। ढलती उम्र में उनका मानना है कि दिल तो अभी जवान है, जो उन्हीं की तरह कई कपल्स को एक दूसरे के साथ वक्त बिताने और सकारात्मक सोच रखने के लिए प्रेरित करता है।

अपनी पोस्ट में इस व्यक्ति ने लिखा कि 2011 में उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी पत्नी के पैर में फ्रेक्चर हो गया। तब डॉक्टरों ने उन्हें बाइक चलाने से मना कर दिया। लेकिन जब उनकी तबियत ठीक हुई तो वह फिर से बाइक चलाने लगे। उन्होंने बताया कि मैं एक बूढ़े इंसान की तरह मरना नहीं चाहता। मेरी उम्र अभी सिर्फ 67 साल है। मैंने अपनी जिंदादिली को कायम रखते हुए 1974 बुलेट उठाई और पास ही के शहर में सैर करने निकल पड़ा। मुझे वहां जाकर अच्छा तो लगा लेकिन अपनी पत्नी की याद भी आई। मैं जानता था कि मेरी पत्नी लीला व्हीलचेयर पर है। इसलिए बुलेट पर नहीं बैठ सकती। तब मैंने बुलेट के साथ साइड कार अटैच की ताकि लीला को सफर करने में कोई परेशानी न हो।

2016 में इस कपल ने पूरे भारत में सैर के सपने को सच करने के लिए अपनी एफडी के पैसों का उपयोग किया और वड़ोदरा से लेकर महाराष्ट्र, केरल, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु की सैर की। उनका कहना है कि देखते ही देखते 75 दिन हो गए। उसके बाद जब हम वड़ोदरा वापिस लौटै तो अपनी अगली ट्रिप की प्लानिंग कर चुके थे।

साभार दैनिक भास्कर 

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