साभार दैनिक भास्कर
4 साल के अंदर सलाहुद्दीन के जरिए उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट को 10 करोड़ रुपए विदेशी फंड मिल चुके हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)
- गुजरात के बड़ोदरा से पकड़े गए सलाहुद्दीन ने ATS को बताया फंडिंग का सारा खेल
- पहले से गिरफ्तार उमर गौतम का सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख खास सहयोगी है
धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंड मंगवाने के लिए अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (AFMI) के चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस संस्था के संचालक सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख को गुजरात के बड़ोदरा से गिरफ्तार करने के बाद UP ATS को यह जानकारी मिली है। ATS की छानबीन में सामने आया कि 4 साल में इस संस्था के खाते में विदेशों से 10 करोड़ रुपए भेजे गए। जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण में हुआ था। ATS से शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करने के साथ उसकी रिमांड की अर्जी भी दी। बता दें, पहले से गिरफ्तार उमर गौतम का सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख खास सहयोगी है।
ATS ने सलाहुद्दीन से पहले गिरफ्तार किए गए इरफान शेख, मन्ना यादव उर्फ अब्दुल मन्नान और राहुल भोला की 7 दिन की रिमांड के लिए अर्जी डाली थी। लेकिन कोर्ट ने इनकी 5 दिन की ही रिमांड मंजूर की है। रिमांड का समय 7 जुलाई को सुबह 11 बजे तक पूरा होगा। ATS को उम्मीद है कि रिमांड के दौरान पूछताछ में इरफान से अहम जानकारियां मिल सकती हैं।
हवाला रैकेट के जरिए फंड पहुंचाने का भी मुख्य सूत्रधार था सलाहुद्दीन
बड़ोदरा से गिरफ्तार उमर गौतम का खास सहयोगी सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख अपनी संस्था AFMI के जरिए फंड मंगवाने के अलावा हवाला के कारोबारियों के सिंडिकेट में भी शामिल था। ATS की छानबीन में सामने आया कि 4 साल के अंदर सलाहुद्दीन के जरिए उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट को 10 करोड़ रुपए विदेशी फंड मिल चुके हैं। ATS सलाहुद्दीन को भी रिमांड पर लेकर फंडिंग के बारे में और जानकारियां जुटाएगी। UPATS सलाहुद्दीन शेख के आईपैड और मोबाइल फोन को फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेज रही है।
धर्मांतरण के मामले में 6 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
UP ATS ने 21 जून को अवैध धर्मांतरण के मामले में दिल्ली के जामिया से मौलाना उमर गौतम और काजी जहांगीर को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ के आधार पर इमरान शेख, राहुल भोला और मन्ना यादव को गिरफ्तार किया गया। कड़ियां जोड़ते हुए एक जुलाई को ATS ने गुजरात के बड़ौदा से सलाहुद्दीन की गिरफ्तारी की।
चार साल में 10 करोड़ की फंडिंग के सोर्स तलाश रही ATS
ATS की अब तक की छानबीन में सामने आया कि 2016-21 के बीच सलाहुद्दीन शेख के एनजीओ को लगभग 10 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग मिली। गुजरात ATS की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके संगठन AFMI को 2016-17 में 1.62 करोड़, 2017-18 में 1.4 करोड़, 2018-19 में 2.75 करोड़ और 2019-20 में 4 करोड़ रुपए विदेश से मिल चुके हैं। 2020-21 में कितना पैसा इसके खाते में आया इसकी छानबीन की जा रही है। पड़ताल में पता चला कि AFMI के खाते में ज्यादातर फंड यूके और अमेरिकी संगठनों की तरफ से भेजे गए हैं। इनमें यूके के जुलेखा जिंगा फाउंडेशन, मजिलिस अल फतह ट्रस्ट, फ़िरदौस फाउंडेशन, इखार विलेज वेल्फेयर ट्रस्ट, नॉर्थ वेस्ट रिलीफ ट्रस्ट और गुजराती मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ अमेरिका शामिल हैं।
गरीबों की मदद के आड़ में चला रहे देश विरोधी नेटवर्क
ATS की पड़ताल में सामने आया कि सलाहुद्दीन की संस्था AFMI गुजरात और राजस्थान में गरीब परिवारों को खाद्यान्न, कपड़ा, मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा सेवा देने का काम करती है। संस्था इसी के नाम पर विदेश से फंड जुटाती है। इस फंड का इस्तेमाल धर्मान्तरण और अन्य देश विरोधी कामों में किया जा रहा था। AFMI और उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर फिलीपींस सहित कई देशों में प्रतिबंधित कनाडाई बिलाल फिलिप की दोहा कतर में संचालित शैक्षणिक संस्थान की सहयोगी संस्था है। यहां इंडिया से निष्कासित कट्टरपंथी जाकिर नाइक स्पीच दिया करता है।
साभार दैनिक भास्कर
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें। हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post