देश के निजी अस्पतालों को 1 जुलाई से निर्माताओं से सीधे कोरोना टीके खरीदने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें केंद्र के कोविन पोर्टल पर ऑर्डर देने होंगे। इसके लिए सभी निजी अस्पतालों को कोविन पर एक निजी कोरोना टीकाकरण केंद्र (PCVC) के रूप में पंजीकरण करना होगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश के निजी अस्पतालों को 1 जुलाई से निर्माताओं से सीधे कोरोना टीके खरीदने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें केंद्र के कोविन पोर्टल पर ऑर्डर देने होंगे। इसके लिए सभी निजी अस्पतालों को कोविन पर एक निजी कोरोना टीकाकरण केंद्र (PCVC) के रूप में पंजीकरण करना होगा। सूत्रों ने कहा कि अधिकांश अस्पतालों ने पहले ही पोर्टल पर पंजीकरण करा लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक महीने में निजी टीकाकरण केंद्र के लिए उपलब्ध खुराक की कुल मात्रा के बारे में सूचित किया जाएगा। वे इन मात्राओं को ध्यान में रखते हुए निजी सीवीसी की मांग को पूरा करेंगे।
निर्देश में कहा गया है कि सरकार से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। सरकारी पोर्टल पर खरीद आदेश सफलतापूर्वक जमा करना पर्याप्त होगा। एनएचए पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से भुगतान किए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय निजी अस्पतालों को इन टीकों की आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगा। निजी सीवीसी (पीसीवीसी) की ओर पिछले महीने में चुने गए सप्ताह के दौरान दैनिक औसत खपत को 30 से गुणा करके संभावित मासिक खपत का अनुमान लगाया जाएगा। अधिकतम सीमा इस मात्रा से दोगुनी होगी।
उदाहरण के तौर पर, यदि जुलाई 2021 के महीने के लिए ऑर्डर देते समय, पीसीवीसी द्वारा चुनी गई 7 दिन की अवधि 10 जून से 16 जून है। यदि कोविन के अनुसार इस अवधि में 630 खुराक दिए गए हैं, तो दैनिक खुराक की औसत संख्या 630/7 यानी 90 होगी। इसलिए, जुलाई 2021 के महीने के लिए अधिकतम आदेश मात्रा (MOQ) = 90 x 30 x 2 = 5,400 होगी। यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी के अनुसार, टीकों की खरीद और आपूर्ति के लिए अस्पतालों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के ये आदेश 1 जुलाई से लागू होंगे। पीसीवीसी कोविशील्ड या कोवैक्सिन के लिए चार किश्तों में ऑर्डर दे सकते हैं और उन्हें ऑर्डर देने के तीन दिनों के भीतर भुगतान करना होगा। भुगतान केवल इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल मोड के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे। मांग का एकत्रीकरण सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के लिए ही किया जाएगा। साभार-दैनिक जागरण
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें। हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad