न्यूयार्क के आर्किटेक्ट डायरला केलाग ने डिजाइन किया भवन यूनिफॉर्म प्रसिद्ध ड्रेस डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने तैयार की रेगिस्तान में जहां गर्मी के दिनों में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच जाता हैवहां अब लड़कियों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने के लिहाज से राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल शुरू किया गया है।
Jaipur. A new initiative has been taken in Jaisalmer district of Rajasthan, famous for sand dunes, for girl child education and making women self-reliant. Situated in the heart of the desert of Jaisalmer, adjacent to the Pakistan border, a school building made of yellow sandstone tells a story of its own unique architectural style.
In the desert where the temperature reaches 50 degrees during the summer, girl education is absolutely negligible, now Rajkumari Ratnavati Girls School has been started to provide free education to girls. In the summer, when the common man is troubled by the heat of the heat, then the better environment of the school is nothing less than a gift for the girl child. The school building is designed with an oval structure.
स्कूल भवन में कोई एयरकंडिशनर नहीं है, लेकिन प्रचंड गर्मी में भी यहां राहत मिलती है। खूबसूरत जालीदार दीवार और हवादार छत के साथ ही सौर प्रतिष्ठान शानदार वास्तुकला का उदाहरण है। कोनाई गांव में स्थित इस स्कूल को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। रेत के धोरों के साथ ही स्कूल की इमारत भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। स्कूल भवन को न्यूयार्क स्थित आर्किटेक्ट डायरला केलौग ने डिजाइन किया है। यहां पढ़ने वाली छात्राओं की यूनिफॉर्म प्रसिद्ध ड्रेस डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने तैयार की है। इसमे नीले रंग की घूटनों तक की फ्रॉक के साथ मैरून रंग वेस्ट पैंट का मैच है।
मुफ्त शिक्षा के साथ नि:शुल्क भोजन भी
माइकल ड्यूब द्वारा स्थापित स्वयंसेवी संस्था सीआईटीटीए ने इस स्कूल को वित्त पोषित किया है। जैसलमेर राजपरिवार के सदस्य चैतन्य राज सिंह और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने वाले मानवेंद्र सिंह ने मिलकर यह स्कूल बनाया है। मानवेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल खोलने का मकसद बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई से नया शिक्षा सत्र शुरू करने की योजना है। स्कूल में 400 छात्राओं को पढ़ाने की क्षमता है। मुफ्त शिक्षा के साथ ही दोपहर का भोजन भी स्कूल द्वारा ही उपलब्ध करवाया जाएगा। कक्षा 10 तक यहां छात्राओं को पढ़ाने के साथ ही कंप्यूटर और अंग्रेजी बोलने का विशेष तौर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
This is the purpose of naming the school as Princess Ratnavati,
Manvendra Singh said that the purpose of naming the school as Princess Ratnavati Girls’ School is to instill confidence and courage in the girl students. He told that it is said about Princess Ratnavati that when her father Maharawal Ratna Singh was going to war leaving the palace in her trust, he had said that father, don’t worry, I will not let even the hair of this palace become frizzy. Meanwhile, when the army of Alauddin Khilji, the emperor of Delhi, comes to attack, he shouts, I am a woman, but not a man, I have the courage and courage like a man. He had proved this by protecting the palace. He took 100 soldiers hostage including Kafur, the commander of the Mughal army. साभार-दैनिक जागरण
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