नई दिल्ली। दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो का सफर इन दिनों कष्टदायक हो गया है। कुछ मिनटों के सफर के लिए भी यात्रियों को 40 मिनट से लेकर एक घंटा तक स्टेशन के बाहर लाइन में इंतजार करना पड़ रहा है। इससे मेट्रो का सफर यात्रियों के लिए अभी आसान नहीं है। लिहाजा नौकरीपेशा लोगों को सुबह व शाम व्यस्त समय में परेशान होना पड़ रहा है। स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी लाइन होने के कारण कुछ यात्री ऑटो व कैब से सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में यात्रियों को 50 रुपये की जगह ऑटो व कैब के किराये पर 200-250 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे यात्रियों की जेब पर भी खर्च की मार पड़ रही है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट कर सूचना दी कि शुक्रवार शाम को राजीव चौक स्टेशन पर 45 मिनट की वेटिंग है। मेट्रो के इस ट्वीट पर लक्ष्मण नामक व्यक्ति ने ट्वीट कर कहा कि सरकार सड़कों पर आकर क्यों नहीं देखती कि लोग कैसे परेशान हो रहे हैं। बसों व मेट्रो में यात्रियों की संख्या सीमित करके रखी गई है, जबकि ऑटो व ग्रामीण सेवा की आटो में भरकर यात्री बैठाए जा रहे हैं।

राजीव चौक के अलावा द्वारका मोड़, नवादा, रोहिणी पश्चिम, साकेत, चावड़ी बाजार, जनपथ, कश्मीरी गेट सहित कई स्टेशनों पर यात्रियों को व्यस्त समय में लाइन में इंतजार करना पड़ता है। हर स्टेशन पर अभी एक गेट खुला होता है, ताकि मेट्रो में भीड़ न होने पाए। कई बार स्टेशन के बाहर यात्रियों की लंबी लाइन होने गेट बंद भी कर दिया जाता है।

दरअसल, समस्या यह है कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए मेट्रो में एक सीट छोड़कर बैठने का प्रविधान है। यात्री मेट्रो में खड़े होकर सफर नहीं कर सकते। इससे सिर्फ 10 फीसद क्षमता के साथ ही मेट्रो का परिचालन हो रहा है। मेट्रो में खड़े होकर सफर करने पर यात्री ट्रेन से उतार दिए जाते हैं। इसलिए यात्री नियमों में बदलाव करने की मांग कर रहे हैं।

पहले हुए सर्वे में बात सामने आ चुकी है कि ज्यादातर यात्री मेट्रो में 15 से 20 मिनट का सफर करते हैं, लेकिन उन्हें मेट्रो के लिए ही देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। डीएमआरसी का कहना है कि मौजूदा दिशा निर्देश के अनुसार मेट्रो में संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए सभी 336 मेट्रो ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है और दो से साढ़े पांच मिनट के अंतराल पर मेट्रो उपलब्ध होती है। मौजूदा दिशा निर्देश में बदलाव होने पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

मेट्रो में सफर करना बहुत मुश्किल हो गया है, समय पर आफिस पहुंचने के लिए करीब एक घंटे पहले सीलमपुर मेट्रो स्टेशन जाना पड़ता है। सफर करने के लिए लंबी कतार का सामना करना पड़ता है। दिल्ली से फरीदाबाद जाने के लिए मेट्रो सबसे बेहतर विकल्प है, किराया भी कम है। कैब में खर्च ज्यादा आएगा, इसलिए विभिन्न परेशानी का सामना करने के बाद भी मेट्रो में सफर करता पड़ रहा है।

प्रीति जैन का कहना है कि मैं रोहिणी पश्चिम मेट्रो स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक जाती हूं। सफर में 48 मिनट समय लगता है लेकिन हर रोज एक घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। इस वजह से नौकरी पर भी देरी से पहुंचती हूं। कई बार मेट्रो स्टेशन के गेट भी बंद कर दिए जाते हैं। अगर पहले ही बता दिया जाए कि गेट कितनी देर बंद रहेगा तो उसी हिसाब से मेट्रो स्टेशन पहुंचे।

श्रेयांश कहते हैं कि मैं रोहिणी से कश्मीरी गेट तक जाता हूं। मेट्रो से सफर में आधा घंटा समय लगता है लेकिन मेट्रो स्टेशन के बाहर 40 से 50 मिनट इंतजार करना पड़ता है। परेशानी एक दिन की हो तो लोग बर्दाश्त भी कर ले, लेकिन रिठाला मेट्रो स्टेशन पर तो हर रोज लोगों को परेशान किया जा रहा है। इससे अच्छा कोरोना संक्रमण खत्म होने तक मेट्रो को बंद ही रहने दिया जाए।

सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि बहादुरगढ़ जाना है। पहले में रिठाला मेट्रो स्टेशन गया था। वहां पर काफी भीड़ थी इसलिए रोहिणी पश्चिम मेट्रो स्टेशन पर आया। यहां भी लंबी लाइन लगी हैं। सुबह व शाम को मेट्रो स्टेशन के बाहर सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समय लोग दफ्तर जाते हैं।

मेट्रो यात्री वर्षा की मानें तो वह सरोजनी नगर मार्केट में खरीदारी करने गई थी, जहां मेट्रो में प्रवेश करने के दौरान मुझे लंबी कतार से गुजरना पड़ा। जिसमें करीब 15 मिनट मेरे बर्बाद हो गए। तपती धूप में यह इंतजार काफी मुश्किल था। कई लोगों ने लंबी कतार को देखकर आटो या कैब से जाना ज्यादा उचित समझा। साभार-दैनिक जागरण

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