UP Board 10th 12th Exam Result 2021 यूपी बोर्ड की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में प्रमोट किये जाने वाले छात्रों के अंकों के निर्धारण का फार्मूला सुझाने के लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीयसमिति की रिपोर्ट को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2021 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों के मूल्यांकन का फार्मूला तय कर दिया गया है। इंटरमीडिएट के छात्रों का परीक्षाफल तैयार करने के लिए हाईस्कूल के 50 प्रतिशत, कक्षा 11 की वार्षिक/अर्द्धवार्षिक परीक्षा के 40 और कक्षा 12 की प्री-बोर्ड परीक्षा के 10 फीसद अंक जोड़े जाएंगे। हाईस्कूल परीक्षाफल के लिए कक्षा नौ और कक्षा 10 की प्री-बोर्ड परीक्षा के 50-50 प्रतिशत अंक अंक जोड़े जाएंगे।
कोरोना संक्रमण के कारण निरस्त की गईं यूपी बोर्ड की वर्ष 2021 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में प्रमोट किये जाने वाले छात्रों के अंकों के निर्धारण का फार्मूला सुझाने के लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीयसमिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के अनुसार यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट में मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, कृषि तथा व्यवसायिक सहित पांच विषय वर्गों में परीक्षाएं होती हैं। इनमें कई विषयों की प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी होती हैं। यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर परीक्षार्थियों के कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा, कक्षा-11 की वार्षिक/अर्द्धवार्षिक परीक्षा, कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा व प्रयोगात्मक विषयों के अंक उपलब्ध हैं। इनके आधार पर वर्ष 2021 के इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के अंक तय फार्मूले से निर्धारित किये जाएंगे।
जिन विषयों में प्रयोगात्मक परीक्षाएं नहीं होती हैं और जिनका पूर्णांक 100 अंकों का होता है, उनमें परीक्षाफल के अंकों के निर्धारण करने के लिए कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा के कुल प्राप्तांक के औसत का 50 प्रतिशत निकाला जाएगा। यह औसत कक्षा-10 के सभी विषयों के कुल प्राप्तांक को कुल विषयों की संख्या यानी छह से विभाजित करके निकाला जाएगा। कक्षा-11 की वार्षिक परीक्षा में संबंधित विषय के 100 अंक के पूर्णांक का 40 प्रतिशत अंक निकाला जाएगा। कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा में विषय के 100 अंक के पूर्णांक का 10 प्रतिशत अंक निकाला जाएगा। इसके बाद इन तीनों अंकों को जोड़कर परीक्षार्थी के विषयवार अंकों का निर्धारण किया जाएगा।
उदाहरण : यदि परीक्षार्थी ने कक्षा-10 की वार्षिक लिखित परीक्षा में 600 में से 300 अंक प्राप्त किये हैं, तब उसका औसत अंक 300/6=50अंक होगा। इसमें से 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसे 25 अंक दिये जाएंगे। कक्षा-11 में किसी विषय में यदि उसे 100 अंक में से 60 अंक मिले हैं तो उसका 40 प्रतिशत 24 अंक होगा। कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा में यदि उस विषय में उसे 50 अंक मिले हैं, तब उसका 10 प्रतिशत पांच अंक होगा। इस प्रकार उसके कुल 54 अंक होंगे।
हाईस्कूल परीक्षाफल के लिए कक्षा-9 के 50 प्रतिशत और कक्षा-10 की प्री-बोर्ड परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक जोड़े जाएंगे। हाईस्कूल परीक्षा में विषय विशेष के कुल 100 अंक होते हैं, जिसमें से लिखित परीक्षा के 70 अंक और आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा के 30 अंक होते हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2021 की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड हैं। कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के तहत हुई 70 अंकों की लिखित परीक्षा तथा कक्षा-10 की 70 अंक की लिखित प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड हैं, जिनके आधार पर हाईस्कूल परीक्षा के अंक तय फार्मूले से निर्धारित किये जाएंगे। इसके लिए कक्षा-9 की 70 अंकों की वार्षिक विषयवार लिखित परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक, कक्षा-10 की 70 अंकों की प्री-बोर्ड विषयवार लिखित परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक और वर्ष 2021 में विद्यालय स्तर पर आयोजित हुई 30 अंकों की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंक जोड़े जाएंगे।
उदाहरण : यदि परीक्षार्थी ने कक्षा-9 की वार्षिक लिखित परीक्षा में 70 अंकों में से 60 अंक पाये हैं, तब 50 प्रतिशत के हिसाब से उसके 30 अंक होते हैं। कक्षा-10 की प्री-बोर्ड लिखित परीक्षा में यदि उसने 70 में से 40 अंक पाये हैं तो 50 प्रतिशत के हिसाब से इसके 20 अंक मिलेंगेे। आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में यदि उसने 30 अंक में से 28 अंक पाये हैं, तब तीनों को जोड़कर परीक्षार्थी को 78 अंक प्राप्त होंगे।
नहीं तैयार होगी मेरिट सूची : वर्ष 2021 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए परीक्षार्थियों की मेरिट सूची नहीं तैयार करायी जाएगी। वर्ष 2021 बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत ऐसे सभी परीक्षार्थी जो अंक सुधार के लिए फिर से परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हेंं अगली बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना, अंक सुधार के लिए एक या एक से अधिक, कितने भी विषयों में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। उनका परीक्षाफल वर्ष 2021 का ही माना जाएगा।
- अन्य खास बातें
- संस्थागत परीक्षार्थियों के अलावा अन्य (व्यक्तिगत, पत्राचार आदि ) परीक्षार्थियों के परीक्षाफल तैयार करने की प्रक्रिया उनके उपलब्ध डाटा के आधार पर अलग तरीके से होगी।
- यदि परीक्षार्थियों के कक्षा-12 की प्रयोगात्मक परीक्षा/कक्षा-10 के आंतरिक मूल्यांकन के अंक उपलब्ध नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक परीक्षार्थी को उस विषय विशेष के लिए लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित प्रक्रिया से प्राप्त अंक को उस विषय विशेष के पूर्णांक के आधार पर समानुपातिक रूप से आगणित कर प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक प्रदान किये जाएंगे।
- इंटरमीडिएट के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा-11 की दोनों परीक्षाओं (वार्षिक परीक्षा व अर्द्धवार्षिक ) और/या कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा तथा हाईस्कूल के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा और/या कक्षा-10 की प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हेंं बिना अंकों के सामान्य रूप से प्रोन्नत कर दिया जाएगा।
- किसी परीक्षार्थी की वार्षिक, अद्र्ध वार्षिक, प्री-बोर्ड परीक्षा के अधिकतम तीन विषयों तक अंक अप्राप्त होने पर उस परीक्षा के शेष विषयों के प्राप्तांक का औसत उन तीन विषयों में दिया जाएगा।
- लिखित परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक नहीं होने मिलने लेकिन आंतरिक मूल्यांकन प्रयोगात्मक परीक्षा में उत्तीर्ण होने की स्थिति में परीक्षार्थी को बिना अंक के सामान्य प्रोन्नति प्रदान की जाएगी।
- प्रयोगात्मक विषयों में कक्षा 9/10/11/12 के उपलब्ध अंकों को बोर्ड की लिखित परीक्षा के निर्धारित अंकों पर स्केल करके प्रयोगात्मक/आंतरिक मूल्यांकन के अंक (जो भी लागू होते हैं) से जोड़ा जाएगा।
- अन्य बोर्डों के परीक्षार्थियों, जिनके पूर्णांक माध्यमिक शिक्षा परिषद, उप्र प्रयागराज के संगत विषयों से भिन्न हैं, के प्राप्तांक का आगणन माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्णांक के सापेक्ष स्केल करके किया जाएगा।
आंकड़े एक नजर में…
- वर्ष 2021 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 56,04,628 परीक्षार्थी पंजीकृत।
- हाईस्कूल परीक्षा में कुल 29,94,312 पंजीकृत परीक्षार्थी पंजीकृत जिनमें 29,74,487 (99.34 प्रतिशत) संस्थागत परीक्षार्थी और 19,825 (0.66 प्रतिशत) व्यक्तिगत परीक्षार्थी शामिल।
- इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 26,10,316 परीक्षार्थी पंजीकृत जिनमें 25,17,658 (96.45 प्रतिशत) संस्थागत परीक्षार्थी और 92,658 (3.55 प्रतिशत) व्यक्तिगत परीक्षार्थी शामिल।
मिले 3910 सुझाव : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की निरस्त परीक्षाओं में प्रमोट किये जाने वाले परीक्षार्थियों के अंकों के निर्धारण का फार्मूला तय करने के लिए उच्च स्तरीय समिति को विभिन्न पक्षकारों से कुल 3910 सुझाव प्राप्त हुए जिसके विश्लेषण के लिए छह विशिष्ट विशेषज्ञ उप समिति गठित की गईं। इन सुझावों के विश्लेषण, परीक्षण और उन पर विचार विमर्श के बाद उच्च स्तरीय समिति ने फार्मूला तय करते हुए अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी थी।साभार-दैनिक जागरण
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