अवनीश मिश्र साहिबाबाद लोनी प्रकरण में आरोपित समाजवादी पार्टी का पूर्व प्रदेश सचिव उम्मेद पहलवान दो माह से यहां की फिजा बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। उसने अप्रैल में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के बारे में फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालकर माहौल खराब करने का प्रयास किया था।
साहिबाबाद : लोनी प्रकरण में आरोपित समाजवादी पार्टी का पूर्व प्रदेश सचिव उम्मेद पहलवान दो माह से यहां की फिजा बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। उसने अप्रैल में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के बारे में फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालकर माहौल खराब करने का प्रयास किया था। हालांकि वह अपने नापाक मंसूबे में कामयाब नहीं हुआ था। पुलिस मानकर चल रही है कि तभी से वह दूसरे मौके की तलाश में था। वह मौका उसे लोनी में बुजुर्ग के साथ हुई मारपीट व दाढ़ी काटने के विवाद में मिल गया। फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट : उम्मेद पहलवान ने नौ अप्रैल को फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डाली थी। उसमें डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी। उस पोस्ट को 18 हजार लोगों ने देखा और 500 से ज्यादा ने साझा किया। उस पर लोगों ने भड़काऊ प्रतिक्रियाएं भी दीं। पुलिस मान रही है कि उसने इस पोस्ट से शहर का माहौल खराब करने की कोशिश की थी। गनीमत रही कि वह सफल नहीं हुआ था। लोनी प्रकरण में भी उसने ट्वीट किये व फेसबुक पर लाइव किया है। माना जा रहा है कि माहौल बिगाड़ने के लिए वह इंटरनेट मीडिया को अपना हथियार बना रहा है।
खुद को बताता है अखिलेश-मुलायम का खास : उम्मेद पहलवान खुद को समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कद्दावर नेता आजम खां का करीबी बताता है। इसे साबित करने के लिए उनके साथ ली गई अपनी फोटो फेसबुक पर शेयर की हैं। फेसबुक अकाउंट के कवर और प्रोफाइल में अखिलेश यादव के साथ ली गईं अपनी फोटो लगाई हैं। विधान परिषद सदस्य राकेश यादव द्वारा लोनी नगरपालिका परिषद का प्रतिनिधि बनाए जाने के पत्र को भी फेसबुक पर साझा किया है। गोकशी का भी है आरोपित : लोनी क्षेत्र गोकशी के लिए बदनाम है। यहां अवैध रूप से पशुओं के काटे जाने की सूचनाएं आती रहती हैं। उम्मेद पहलवान पर भी यह आरोप लग चुके हैं। उस पर गोकशी करने का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। पुलिस खंगाल रही है कुंडली : साइबर सेल व पुलिस उम्मेद पहलवान की कुंडली खंगाल रही है। उसके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर किए गए पोस्ट से विवरण जुटाया जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि उसके भड़काऊ पोस्ट का कौन-कौन समर्थन कर रहा है। भड़काऊ प्रतिक्रियाएं देने वालों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। नियमानुसार उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। उधर, सपा के जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया है। साभार-दैनिक जागरण
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