अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले को लेकर दैनिक भास्कर की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। मालूम चला कि जिस 100 बिस्वा (करीब 3 एकड़) जमीन को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, उसे 2011 में समाजवादी पार्टी के नेता सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ रुपए में खरीदा था। सुल्तान ने ही इसे राम मंदिर ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेचा है।
पड़ताल में ये भी मालूम चला है कि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ‘पवन’ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से सुल्तान के काफी अच्छे रिश्ते हैं। दोनों की कई फोटो भी दैनिक भास्कर को मिले हैं।
भास्कर ने जब इसके बारे में पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय से बात की तो उन्होंने कहा कि ये आरोप तथ्यों के आधार पर आरोप लगाया गया है, न की सुल्तान अंसारी के कहने पर। पांडेय ने कहा कि अब तक राम मंदिर जमीन को लेकर 50 से ज्यादा रजिस्ट्री हुई है। सबकी जांच होनी चाहिए। तब साफ हो जाएगा कि मेरा आरोप सही है या नहीं।
11 पॉइंट में जमीन खरीद की पूरी कहानी…
2011 में सुल्तान ने 2 करोड़ रुपए के एग्रीमेंट पर ली थी जमीन, ट्रस्ट को बेचने से पहले पुरानी कीमत चुकाकर अपने नाम बैनामा (सरकारी दस्तावेज में किसी के नाम कराना) कराया, फिर 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया। मतलब साफ है जमीन का दाम 2 करोड़ से 18.5 करोड़ 10 मिनट में नहीं बल्कि 10 साल में पहुंचा है…
1. केंद्र सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट को 70 एकड़ जमीन मंदिर के लिए दी है। ये जमीन केंद्र सरकार ने अधिगृहित की थी।
2. ट्रस्ट ने मंदिर के विस्तार का प्लान बनाया। तय किया कि मंदिर परिसर का विस्तार 108 एकड़ में होगा। इसके लिए ट्रस्ट ने मंदिर के आस-पास की जमीनों को खरीदना शुरू कर दिया।
3. मंदिर के आसपास के 70 एकड़ जमीन की खरीदारी शुरू की।
4. बाग बिजैसी की जिस जमीन की खरीदारी को लेकर ट्रस्ट पर सवाल उठे वो 2010 से पहले प्रॉपर्टी डीलर फिरोज खान के नाम थी।
5. फिरोज ने 2010 में ही 180 बिस्वा जमीन बबलू पाठक को बेच दी थी।
6. बबलू पाठक ने 2011 में इसमें से 100 बिस्वा जमीन का एग्रीमेंट दो करोड़ रुपए में इरफान खान उर्फ नन्हें मियां से कर लिया था। तब एडवांस के तौर पर नन्हें ने बबलू को 10 लाख रुपए दिए थे। नन्हें के बेटे सुल्तान अंसारी और बबलू पाठक के बीच अच्छी दोस्ती है।
7. चूंकि एक एग्रीमेंट की वैद्यता तीन साल के लिए होती है, इसलिए बबलू ने 2015 में फिर से वही जमीन नन्हें के बेटे सुल्तान अंसारी के नाम कर दी। इस तरह से 2011 से लेकर 2020 तक सुल्तान हर तीन साल में अपने परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम उसका एग्रीमेंट कराता रहा।
8. जमीन को लेकर बबलू और सुल्तान के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग रही। बबलू ने कभी भी जमीन का बकाया पैसा लेने के लिए दबाव नहीं डाला।
9. जब राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन की जरूरत पड़ी तो ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बबलू और सुल्तान दोनों से संपर्क किया। मार्च 2021 में चंपत राय ने बबलू से 80 बिस्वा जमीन 8 करोड़ रुपए में खरीद ली। बाकी 100 बिस्वा जमीन सुल्तान से 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी।
10. ट्रस्ट के नाम जमीन करने से पहले सुल्तान ने बबलू पाठक को 100 बिस्वा जमीन की बची हुई कीमत यानी 1.90 करोड़ रुपए देकर बैनामा करा लिया। चूंकि जमीन की कीमत को लेकर दोनों के बीच पहले ही एग्रीमेंट हो चुका था इसलिए उसके लिए सुल्तान को दो करोड़ रुपए ही देने पड़े।
11. बैनामा कराने के बाद सुल्तान ने जो जमीन 2 करोड़ रुपए में खरीदी थी उसे ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेच दी।
राम मंदिर का फैसला आते ही जमीनों के दाम बढ़ गए
राम मंदिर के पक्ष में फैसला आते ही अयोध्या में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ गए। अभी जिले में 20 लाख से 50 लाख रुपए बिस्वा जमीन का रेट है। उत्तर प्रदेश सरकार भी कई योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहीत कर रही है। इससे भी जमीन के दाम में बढ़ोतरी हुई है। बड़े कारोबारी अयोध्या में होटल्स, मॉल और मार्केट खोलने के लिए जमीनें ले रहे हैं। कई तरह की इंडस्ट्री भी लगने वाली है।
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने लगाए हैं आरोप
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पांडेय आरोप है कि यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है।
तेज नारायण का आरोप है कि यह जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु और सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया था।
पांडेय ने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए रकम की जांच कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई, इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। साभार-दैनिक भास्कर
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