मध्यप्रदेश में पिछले साल मार्च में कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा जल्द ही बड़ा तोहफा देने जा रही है। उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद दिया जाना लगभग तय माना जा रहा है।
मोदी सरकार 2.0 के 2 साल पूरे होने के ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने की तैयारी में हैं। PM मोदी ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। इसके बाद सिंधिया समर्थक दावा कर रहे हैं कि उनके नेता को जल्द ही टीम मोदी में जगह मिलने वाली है।
सिंधिया समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सिंधिया को रेलवे की कमान मिल सकती है। हालांकि उन्हें शहरी विकास या मानव संसाधन जैसे अहम मंत्रालय दिए जाने की भी चर्चा है। उन्हें भाजपा में शामिल हुए 15 महीने हो चुके हैं। अब भाजपा उनसे किया वादा पूरा करने जा रही है। इसके संकेत दिल्ली से लेकर मध्यप्रदेश तक हैं।
मनमोहन सरकार में बनी थी एक्टिव मंत्री की छवि
जानकारों का मानना है कि मोदी ज्योतिरादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। इसकी वजह यह है कि मनमोहन सरकार में भी उन्होंने अपने कामों के चलते एक एक्टिव मंत्री की छवि बनाई थी। इस बार वे टीम मोदी में शामिल होते हैं, तो फिर वे अपना काम दिखा पाएंगे। उनकी क्षमताओं का लाभ उन्हें प्रस्तावित फेरबदल में मिलने की पूरी संभावना है।
भाजपा का फोकस नई लीडरशिप पर
सूत्रों की मानें, तो भाजपा का फोकस अब पार्टी में यूथ लीडरशिप को डेवलप करना है। इसे ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश कोटे से ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ओडिशा के बैजयंत पांडा, महाराष्ट्र से देवेंद्र फडनवीस सहित कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है।
पहले टर्म में 6 महीने में हो गया था कैबिनेट विस्तार
पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने 6 महीने में ही कैबिनेट का विस्तार कर दिया था और मंत्रियों की संख्या 45 से बढ़ाकर 66 कर दी थी। इसके बाद सरकार के 2 साल पूरे होने के कुछ महीने बाद ही जुलाई 2016 में मोदी ने फिर कैबिनेट में फेरबदल कर मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 78 कर दी थी। इसके एक साल बाद भी उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था।
दूसरे टर्म में 57 मंत्रियों के साथ ली शपथ थी
मोदी ने अपनी दूसरी पारी शुरू करते समय 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। मगर वर्तमान में उनकी टीम 53 मंत्रियों की ही है। दो मंत्री रामविलास पासवान और सुरेश अंगाड़ी का निधन हो चुका है, जबकि दो कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल और अरविंद सावंत इस्तीफा दे चुके हैं।
4 मंत्रियों के पास है अतिरिक्त प्रभार
- केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को LGP नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद अक्टूबर 2020 में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का जिम्मा दिया गया था।
- केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास पहले से ही 3 मंत्रालय कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज हैं। अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद सितंबर 2020 से खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी तोमर के पास है।
- केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास पर्यावरण के अलावा नवंबर 2019 से भारी उद्योग मंत्रालय का प्रभार भी है। हालांकि पहले इस पद की जिम्मेदारी शिवसेना के अरविंद सावंत के पास थी, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा से राह अलग होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
- केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू, श्रीपद नाइक के घायल होने के बाद से आयुष मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। नाइक एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। साभार-दैनिक भास्कर
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