लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रभावित प्रदेश की बेसिक व माध्यमिक के साथ ही उच्च शिक्षा के लिए भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिशा-निर्देश तय कर लिया है। सरकार ने उच्च शिक्षा में फाइनल ईयर के सभी विद्यार्थियों की परीक्षा कराने का फैसला किया है। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही यह अगली कक्षा में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे जबकि स्नातक के फर्स्ट व सेकेंड ईयर तथा परास्नातक के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्रा अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि गहन मंथन के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों के स्नातक व परास्नातक के विद्यार्थी भी अब अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे। स्नातक के प्रथम व द्वितीय तथा परास्नातक के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्रा अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे। इस बार सिर्फ स्नातक व परास्नातक अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों की परीक्षा होगी। सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों को अगस्त के मध्य तक परीक्षा कराने के निर्देश दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया से प्रदेश के करीब 41 लाख विद्यार्थी अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे।

डॉ.दिनेश शर्मा ने बताया कि इनकी लिखित परीक्षा इस बार तीन घंटे के स्थान पर सिर्फ एक घंटे की ही होगी। इसके बाद परिणाम भी सितंबर के पहले हफ्ते तक घोषित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा का नया शैक्षिक सत्र (2021-2022) 13 सितंबर से शुरू होगा। प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल तथा इंटर के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा को रद कर दिया है।

प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू), बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी(बीएचयू) और इलाहाबाद यूनिवर्सिर्टी में परीक्षा की बाबत केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय भी अपनी कार्ययोजना तैयार कर रहा है। साभार-दैनिक जागरण

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